Nov 29, 2023, 01:09 PM IST
आज के समय में हर कोई अपनी कार या बाइक को सबसे अलग दिखाना चाहता हैं, जिसके लिए लोग मॉडीफिकेशन भी कराते हैं.
हालांकि कार निर्माता कंपनियां इस शौक का ख्याल रखते हुए कार और बाइक्स के नए मॉडल लॉन्च करती हैं, लेकिन लोग मॉडीफिकेशन का सस्ता रास्ता चुनना पसंद करते हैं.
कई बार कार या बाइक में ऐसे सजावटी बदलाव करवाते हैं तो नियम के खिलाफ होते हैं. मॉडीफिकेशन में तो खर्च होता ही है, बाद में मोटा चालान भी भरना पड़ता है.
अगर आप भी अपनी कार में डेकोरेटिव या स्टाइलिश मॉडीफिकेशन करवाने जा रहे हैं तो पहले इससे जुड़े नियम जरूर जान लें कि आप क्या बदलवा सकते हैं और क्या नहीं.
मोटर-व्हीकल एक्ट की धारा 52(1) के मुताबिक, मॉडीफिकेशन के चक्कर में कंपनी के फीचर्स को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. उन्हें हटाना या छिपाना गलत है.
कई लोग गाड़ी के खराब इंजन को दूसरे इंजन से बदलवाते है, जो नियमों के खिलाफ है.
ऐसा करने के लिए RTO विभाग से अनुमति और दोबारा रजिस्ट्रेशन भी लेना होगा. नया इंजन भी पुराने फ्यूल वाले इंजन जैसा ही हो.
कुछ लोगों को कार का रंग बदलवाने का भी शौक होता है, लेकिन ये काम आप क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) की अनुमति के बिना नहीं कर सकते.
कई बार लोग कार के टायर भी चेंज कराते हैं, जो दिखने में तो कूल लगते हैं लेकिन कार के मॉडल के साथ फिट नहीं होते. टायर भी कार के मॉडल के मुताबिक होना चाहिए, वरना चालान हो सकता है
मॉडिफाइज स्टीयरिंग लगवाना इसलिए गैरकानूनी है क्योंकि स्टॉक स्टीयरिंग में एयरबैग्स होते हैं, जबकि मॉडिफाइड स्टीयरिंग में ये नहीं होते हैं.
अगर मॉडिफाइड स्टीयरिंग लगवाते हैं इससे सेफ्टी खतरे में आ सकती है और एक्सीडेंट के दौरान ये जानलेवा हो सकता है.
कार में कुछ छोटे-मोटे बदलावों के लिए परमिशन नहीं लगती, लेकिन कार के बेसिक फीचर्स में चेंज करवाते हैं तो RTO की परमिशन के साथ कुछ फीस भरके RC में दर्ज कराना होता है.
कई बार ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जब कार का डायमेंशन, फैंसी हॉर्न, साइरन और प्रेशर हॉर्न के चक्कर में लोगों को तगड़ा चालान देना पड़ा है.
बढ़ते अपराधों के बाद से कार में टिंटेड ग्लास लगवाना भी गैर कानूनी करार दिया गया है, लेकिन कुछ कार कंपनियां पहले से ही ग्राहकों टिंटेज ग्लास देती हैं.
मॉडिफाइज स्टीयरिंग लगवाना भी गैर कानूनी है, क्योंकि इसमें एयरबैग्स नहीं होते हैं. ऐसे में एक्सीडेंट से जान-माल के नुकसान का खतरा और भी बढ़ जाता है.