भारत में मेडिकल एक ऐसा सेक्‍टर है जिसे कोरोना काल के बाद वैश्विक स्‍तर पर बड़ी पहचान मिली है. यही वजह है कि पिछले कुछ वर्षों में दूसरे देश से इलाज कराने के लिए भारत आने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ गई है. भारत में इलाज कराने आने वाले विदेशी लोगों की यात्रा को मेडिकल टूरिज्म के नाम से भी जाना जाता है. केंद्र सरकार मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने और इलाज के लिए आने वाले लोगों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई रणनीति पर काम कर रही है. 

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इस मामले में संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी. किशन रेड्डी ने बताया कि देश में चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने चिकित्सा और कल्याण पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप तैयार किया है. रणनीति के तहत प्रमुख स्तंभों की पहचान की है-

-भारत को एक वेलनेस डेस्टिनेशन के रूप में एक ब्रांड विकसित करना

-चिकित्सा और कल्याण पर्यटन के लिए पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करना

-ऑनलाइन मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) पोर्टल स्थापित करके डिजिटलीकरण को मजबूत करना

-मेडिकल वैल्यू यात्रा में वृद्धि

-वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देना

-शासन और संस्थागत ढांचा

पहले से भी हो रही ब्रांडिंग

पर्यटन मंत्रालय ने बताया कि अपनी वर्तमान में चल रही गतिविधियों के हिस्से के रूप में पर्यटन मंत्रालय देश के विभिन्न पर्यटन स्थलों और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 'अतुल्य भारत' ब्रांड-लाइन के अंतर्गत, विदेशों में महत्वपूर्ण और संभावित बाजारों में वैश्विक प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया अभियान जारी करता है. मेडिकल टूरिज्म विषय सहित विभिन्न विषयों पर मंत्रालय के सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से डिजिटल प्रचार भी नियमित रूप से किया जाता है.

ई-मेडिकल वीजा और ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा की सुविधा

बता दें कि भारत सरकार ने 30 नवंबर 2016 को कैबिनेट की मंजूरी के अनुसार ई-टूरिस्ट वीजा योजना को उदार बनाया और ई-टूरिस्ट वीजा (ईटीवी) योजना का नाम बदलकर ई-वीजा योजना कर दिया गया और वर्तमान में इसमें ई-मेडिकल वीजा और ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा शामिल हैं जो कि ई-वीजा की उप-श्रेणियां हैं.

ई-मेडिकल वीजा और ई-मेडिकल अटेंडेंट वीजा के मामले में ट्रिपल एंट्री की अनुमति है और विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारियों (एफआरआरओ)/संबंधित विदेशी पंजीकरण अधिकारियों द्वारा प्रत्येक मामले के आधार पर और साथ ही मामले की योग्यता के आधार पर 6 महीने तक का विस्तार दिया जा सकता है. 

मेडिकल अटेंडेंट वीजा प्रमुख ई-वीजा धारक की वैधता के साथ सह-टर्मिनस था. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अन्य मंत्रालयों और हितधारकों जैसे अस्पतालों, मेडिकल वैल्यू ट्रैवल (एमवीटी) सुविधाप्रदाताओं, बीमा कंपनियों और एनएबीएच के साथ देश में चिकित्सा मूल्य यात्रा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है.

रिपोर्ट पीबीएनएस