Dubai Flood: ऐसी कैसी बारिश जो पूरी Desert City पानी-पानी हो गई? तस्वीरों में देखिए हाल और जानिए क्या हुआ
सोशल मीडिया पर Desert City Dubai की बाढ़ की तस्वीरें वायरल हो रही हैं. दुबई में दो साल की बारिश एक ही दिन में हो गई, जिससे ये हालात पैदा हुए. लेकिन ऐसा क्यों हुआ, ये सवाल हर किसी को परेशान कर रहा है. आइए जानते हैं इसकी वजह-
Updated on: April 17, 2024, 03.34 PM IST
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दो साल की बारिश एक दिन में होने की वजह
दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पिछले 24 घंटे में 160 मिलिमीटर बारिश हुई. जो आमतौर पर दो साल में होती है. वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसा क्लाउड सीडिंग के दौरान आई गड़बड़ी की वजह से हुआ है. दरअसल रेगिस्तानी इलाका होने के कारण यहां पानी की कमी रहती है. इस कारण सरकार ने आर्टिफिशियल बारिश का सहारा लेने के बारे में सोचा और प्रक्रिया पूरी भी की. संभावना जताई जा रही है कि शायद इसी कोशिश में मामला बिगड़ गया है.
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क्या होती है क्लाउड सीडिंग
क्लाउड सीडिंग आर्टिफिशियल बारिश है. कृत्रिम बारिश के लिए वैज्ञानिक आसमान में एक तय ऊंचाई पर सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आइस और साधारण नमक को बादलों में छोड़ते हैं. इसके जरूरी है कि आसमान में कम से कम 40 फीसदी बादल हों. जिनमें थोड़ा पानी मौजूद हो. लेकिन अगर बादलों में पानी की मात्रा या ह्यूमिडिटी की कमी हो तो क्लाउड सीडिंग में थोड़ी समस्या आ सकती है. क्लाउड सीडिंग के लिए विमान से बादलों के बीच उड़ान भरना जरूरी नहीं, ये काम बैलून या रॉकेट से भी किया जा सकता है.
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क्लाउड सीडिंग के गड़बड़ होने आशंका क्यों?
दुबई प्रशासन ने सोमवार और मंगलवार को क्लाउड सीडिंग के लिए विमान उड़ाया था. पिछले दो दिनों में इन विमानों ने सात बार उड़ान भरी. माना जा रहा है कि हो सकता है कि इस क्लाउड सीडिंग में गड़बड़ हुई हो. दुबई और उसके आसपास के देशों में बेहद धीमी गति में साउदर्न जेट स्ट्रीम बह रही है. ये वो हवा है जो अपने साथ गर्मी भी लेकर आती है. दुबई समंदर से घिरा है जहां धूल के तूफान आते हैं. धूल के कण खुद में क्लाउड सीडर हैं. माना जा रहा है कि क्लाउड सीडिंग में बहुत ज्यादा धूल के कण शामिल होने के कारण ये गड़बड़ हुई और दुबई जलमग्न हो गई.
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बाढ़ से हो सकता है बड़ा नुकसान
दुबई में बाढ़ के कारण वैज्ञानिक और यूएई सरकार काफी फिक्रमंद हैं. इसका कारण है कि रेगिस्तानी इलाके में अगर हद से ज्यादा बारिश हो जाए तो जमीन के धंसने, फ्लैश फ्लड जैसी आपदाएं आने का रिस्क बढ़ जाता है.
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UAE का मौसम विभाग चलाता है रेन इनहैंसमेंट प्रोग्राम
बता दें कि UAE में मौसम विभाग रेन इनहैंसमेंट प्रोग्राम चलाता है. इसके लिए वैज्ञानिक वायुमंडल का फिजिकल और केमिकल जांचते हैं. इसके बाद क्लाउड बनाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है. इसमें ये तय किया जाता है कि कितनी बार क्लाउड सीडिंग करनी है. क्लाउड सीडिंग का विमान कितनी बार उड़ेगा? इसके बाद बारिश करवाने के लिए बादलों में ऊंचाई पर केमिकल छोड़े जाते हैं. बता दें कि UAE ने 1982 में पहली बार क्लाउड सीडिंग की थी.