वर्किंग लोगों के ज्‍यादातर काम मोबाइल पर या लैपटॉप पर होते हैं. काम को जल्‍दी पूरा करने के चक्‍कर में लोग स्‍मार्टफोन या लैपटॉप में लंबे समय तक एक टक देखते हुए अपना काम करते रहते हैं. कई बार तो प्रेशर इतना ज्‍यादा होता है कि काम के बीच उन्‍हें उठने-बैठने और खाने-पीने का भी समय नहीं मिलता. इसके अलावा खाली समय में सोशल मीडिया, वेबसीरीज, वीडियोज आदि के चक्‍कर में भी लोगों का लंबा समय गैजेट्स में इन्‍वॉल्‍व रहकर बीतता है. स्‍क्रीन के बहुत ज्‍यादा एक्‍सपोजर के चलते आंखों में ड्राइनेस की समस्‍या होने लगती है और यहीं से विजन सिंड्रोम की समस्‍या का रिस्‍क बढ़ जाता है.

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इस मामले में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. असीम अग्रवाल का कहना है कि स्‍क्रीन पर लगातार काम करने और पलकें कम झपकाने, कॉन्‍टैक्‍ट लेंस के बहुत ज्‍यादा समय तक इस्‍तेमाल करने के कारण ज्‍यादातर ये समस्‍या होती है. विजन सिंड्रोम के कारण आंखों में ड्राईनेस होने लगती है और कई तरह की समस्‍याएं सामने आती हैं. समय रहते अगर इसे कंट्रोल नहीं किया गया तो ये परेशानी गंभीर रूप भी ले सकती है. 

ये हैं विजन सिंड्रोम के लक्षण

विजन सिंड्रोम के समय आंखों में ड्राईनेस बढ़ने से इरिटेशन महसूस होती है और ऐसा लगता है मानों धूल-मिट्टी के कण आंखों में चले गए हों. इसके अलावा कई बार आंखों के सामने धुंधलापन, खुजली, लालिमा, थकान, एक जगह दो चीजें दिखना, अंधेरा छाने जैसे तमाम लक्षण सामने आ सकते हैं.

20-20-20 का फॉर्मूला होगा मददगार

डॉ. असीम का कहना है कि इस समस्‍या से बचने के लिए लगातार काम करने की स्थिति से बचना चाहिए. इसके लिए 20-20-20 का फॉर्मूला काफी काम का है. इसके लिए आप काम के हर 20 मिनट बाद ब्रेक लें और  20 सेकेंड के लिए 20 फीट की दूरी पर देखें. इसे एक रुटीन का हिस्‍सा बना लें. ये प्रैक्टिस आपके लिए काफी मददगार साबित होगी.

ये काम भी जरूरी 

  • स्क्रीन टाइम को कम करें. बीच-बीच में पलकें झपकाने का ध्यान रखें.
  • अंधेरे में मोबाइल फोन या लैपटॉप का इस्‍तेमाल करने से बचें. जहां भी काम करें, वहां अच्‍छी रोशनी हो, इसका ध्‍यान रखें.
  • लैपटॉप पर काम करते समय चश्‍मे का इस्‍तेमाल करें और उसमें एंटी ग्‍लेयर लेंस लगवाएं.
  • सोते समय नियमित रूप से डॉक्‍टर द्वारा निर्देशित आईड्रॉप डालें.
  • आंखों में खुजली होने पर पानी से आंखों को धोएं, आंखों को मसलें नहीं.
  • फल, हरी सब्जियों, बादाम, अखरोट आदि चीजों को डाइट में शामिल करें.