Health Tips: सर्दियों में लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इनमें से कई सांस से जुड़ी समस्याएं भी हैं. इस सीजन में बच्चों और अन्य वर्ग के लोगों में वायरल रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (viral respiratory tract infections) के चलते अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियों का भी खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में एलर्जी से जुड़े अस्थमा मरीजों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है. क्योंकि ऐसा न करने पर स्थिति और ज्यादा गंभीर हो सकती है. 

क्या होता है एलर्जिक अस्थमा?

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डॉ. दीपक तलवार (चेयरमैन एंड सीनियर कंसल्टेंट, पम्ल्नोलॉजी, मेट्रो रेस्पिरेटरी सेंटर) बताते हैं कि एलर्जिक अस्थमा (allergic Asthma) व्यक्ति के फेफड़ों को प्रभावित करने वाली ऐसी स्थिति होती है, जो एलर्जेन को सूंघने के बाद सांस लेने की समस्याओं से ग्रसित होता है. एलर्जिक अस्थमा की गंभीर स्थिति में सांस से जुड़ी दिक्कतें जैसे खांसी, घरघराहट, भरी हुई नाक शामिल हैं. इन्हीं तरह की परेशानियों को एलर्जी से होने वाला अस्थमा कहते हैं.

सर्दियों में बढ़ जाता है एलर्जिक अस्थमा?

अक्सर यह देखा गया है कि सर्दियों के मौसम में एलर्जिक अस्थमा (allergic Asthma) के लक्षण गंभीर हो जाते हैं. ठंडी, रूखी हवा में सांस लेने पर अस्थमा के रोगियों को इंटर्नल ऐंठन का अनुभव हो सकता है, क्योंकि उनका शरीर अपने एयरवेज को खुला रखने की कोशिश करता है. इससे व्यक्ति को खांसी, घरघराहट और सांस की तकलीफ हो सकती है, क्योंकि ठंड का मौसम एयरवेज की परतों को नुकसान पहुंचाता है.

गंभीर एलर्जी अस्थमा के लक्षण

  • सांस लेने में दिक्कत
  • खांसी (सूखी या गीली खांसी)
  • सांस लेते समय घरघराहट
  • सीने में भारीपन या जकड़न
  • नींद में परेशानी 
  • तेज सांस लेना

डॉक्टर से तुरंत लें सलाह

डॉ तलवार ने कहा कि हल्का एलर्जिक अस्थमा कुछ घंटों तक रह सकता है, लेकिन गंभीर एलर्जिक अस्थमा (allergic Asthma) कुछ दिनों तक रह सकता है. इसके लक्षणों को कंट्रोल करने और पीड़ित अवधि को कम करने के लिए तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें.

एलर्जिक अस्थमा के लिए सावधानियां

  • गंभीर एलर्जिक अस्थमा को ट्रिगर करने वाली चीजों से बचें
  • घर और सर्फेस को साफ-सुथरा रखें, क्योंकि धूल से दिक्कत होती है
  • ह्यूमिडिफायर से कमरे की नमी को कंट्रोल रखें
  • अगर किसी के घर में पालतू जानवर हैं, तो उसे साफ रखें
  • सांस और उसके साउंड को मॉनिटर करें 
  • डॉक्टर से नियमित चेकअप शेड्यूल करने के बारे में डिस्कस करें
  • अस्थमा की प्रिस्क्राइब्ड दवाएं लें
  • होम पीक फ्लो मीटर का इस्तेमाल करें
  • अपना वैक्सीनेशनल करवाएं

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