Viral Fever: मौसमी परिवर्तन और वातावरण में संक्रमण के कारण कई तरह के संक्रमण का खतरा बना रहता है. मौसम में होने वाले बदलाव के कारण मौसमी बुखार सबसे आम समस्या है. इसमें शरीर में वायरस के जाने की वजह से शरीर का तापमान काफी ज्यादा बढ़ जाता है. इसे मौसमी बुखार और वायरल बुखार भी कहते हैं. मौसमी बुखार के संक्रमण को नियंत्रित करने और इससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ नियमों का पालन करने और सावधानी बरतने को लेकर पोस्ट शेयर किया है.

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मौसमी बुखार के लक्षण

  • बहती नाक
  • गला खराब होना
  • गले में खराश
  • कमजोरी
  • उच्च शरीर का तापमान
  • सिरदर्द
  • ठंड लगना
  • त्वचा के लाल चकत्ते

मौसमी बुखार से बचने के उपाय

  • किसी वायरल व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें.
  • घर के आसपास साफ सफाई रखें और कहीं भी पानी जमा न होने दें.
  • कभी भी ताजा खाना खाएं, हमेशा बासी खाना खाने से बचें.
  • हमेशा साफ पानी पीएं.

कितने दिन तक रहता है मौसमी बुखार?

  • मौसमी बुखार एक सप्ताह से लेकर 10 दिन तक रहता है.
  • मौसमी बुखार से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके
  • छींकते और खांसते समय अपने मुंह और नाक को रुमाल ये कपड़े से अवश्य ढ़कें.
  • कुछ खाने पीने से पहले अपने हाथों को साबुन और पानी से धो लें.
  • भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, फ्लू से संक्रमित लोगों से एक हाथ की दूरी पर रहें.
  • बुखार, खांसी और गले में खराश हो तो सार्वजनिक जगहों से दूर रहें.
  • खूब पानी पीएं और पौष्टिक आहार लें.
  • अपनी नींद जरूर पूरी करें.

मौसमी बुखार में क्या न करें

  • मौसम बुखार के लक्षण दिखने पर किसी से हाथ न मिलाएं, न हीं किसी को गले मिलकर अभिवादन करें.
  • सार्वजनिक जगहों पर न थूकें. वहीं बिना किसी डॉक्टर के सलाह के दवाई न लें.

मौसमी बुखार होने पर रखें ये सावधानियां

  • अगर आपके घर में या आपको वायरल फीवर हो जाए तो प्रोपर आराम करें, इसमें शरीर काफी कमजोर हो जाता है.
  • आराम न करने से हालत और खराब हो जाएगी.
  • हर दिन जूस और नारियल पानी पीएं, इससे आपका शरीर हाइड्रेट रहेगा और कमजोरी नहीं होगी.
  • वायरल फीवर होने पर ज्यादा तला, भुना खाना नहीं खाना चाहिए. हमेशा हल्का खाना खाएं ताकि वे आसानी से पच सके.