Guarantee Vs Warranty: जब भी आप कोई प्रोडक्‍ट खरीदते हैं तो आपको उस पर गारंटी या वारंटी दी जाती है. गारंटी-वारंटी शब्‍द सुनने में एक जैसे से लगते हैं, लेकिन इनमें बहुत अंतर होता है. तमाम लोग अक्‍सर इसे लेकर कन्‍फ्यूज रहते हैं. अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ है तो यहां समझ लीजिए इनके बीच का अंतर. इसके अलावा आप जब भी खरीदारी करने जाएं तो प्रोडक्‍ट पर 4 चीजें जरूर चेक करें, ताकि आपके साथ किसी तरह का धोखा न हो सके.

क्‍या होती है गारंटी

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गारंटी में आपको किसी प्रोडक्‍ट की क्‍वालिटी को लेकर आश्‍वस्‍त किया जाता है कि एक तय समय के अंदर वो प्रोडक्‍ट खराब नहीं होगा. अगर प्रोडक्‍ट खराब होता है या कोई गड़बड़ी आती है तो कंपनी उसे बदलकर नया प्रोडक्‍ट देती है. इस गारंटी पर किसी तरह का पैसा नहीं लिया जाता. साथ ही गारंटी लिखित रूप से दी जाती है. प्रोडक्ट रिप्लेस न होने की स्थिति में ग्राहक को उसका पैसा वापस किया जाता है.

क्‍या होती है वारंटी

वारंटी में अगर प्रोडक्‍ट तय समय से पहले खराब होता है या उसमें किसी तरह की गड़बड़ी आती है तो उसे बदला नहीं जाता, बल्कि ठीक करके आपको दिया जाता है. कई बार प्रोडक्‍ट टूटने, खराब होने के बाद उसे ठीक करने के लिए ग्राहक से थोड़ा बहुत शुल्‍क भी लिया जा सकता है. वारंटी भी लिखित रूप में होती है. वारंटी पीरियड खत्‍म होने के बाद भी इसे बढ़ाया जा सकता है. अलग-अलग प्रोडक्ट की वारंटी की शर्तें अलग होती हैं.

गारंटी कार्ड पर जरूर चेक करें ये चीजें

अगर आपको खरीदारी के समय विक्रेता की ओर से प्रोडक्‍ट पर गारंटी दी जाती है तो वो आपको एक गारंटी कार्ड देगा. उस गारंटी कार्ड पर 4 बातें जरूर चेक करें वरना आपके साथ धोखा भी हो सकता है यानी विक्रेता अपनी बात से मुकर सकता है-

1. गारंटी कार्ड पर प्रोडक्‍ट का नाम हो.

2. गारंटी कार्ड पर ग्राहक का नाम और पता हो.

3. गारंटी पीरियड की समय सीमा लिखी होनी चाहिए.

4. विक्रेता का नाम और पता लिखा होना चाहिए.