कार्तिक मास की शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है. ये पर्व दिवाली के पंच दिवसीय त्‍योहार का हिस्‍सा है और दिवाली के अगले दिन ही मनाया जाता है. गोवर्धन पूजा प्र‍कृति से प्रेम करने का त्‍योहार है, जिसे द्वापरयुग से मनाया जा रहा है. इस दिन घर में गोवर्धन बनाकर महिलाए उसकी पूजा करती हैं और अन्‍नकूट का भोग लगाती हैं. इस बार दिवाली के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण पड़ने के कारण गोवर्धन पूजा का पर्व 26 अक्‍टूबर को मनाया जाएगा. पंडित देवी प्रसाद की मानें तो इस बार गोवर्धन पूजा का पर्व बहुत ही शुभ और फलदायी है क्‍योंकि इस दिन तीन शुभ योगों का संयोग बन रहा है. यहां जानिए इसके बारे में.

ये तीन योग बन रहे हैं गोवर्धन पूजा के दिन

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पंडित देवी प्रसाद का कहना है कि इस बार गोवर्धन पूजा के दिन सूर्योदय के साथ ही आयुष्‍मान योग बन रहा है जो रात में 09:57 मिनट तक रहेगा. ये योग दीर्घायु प्रदान करने वाला है. इसके अलावा दोपहर 12:11 मिनट रात 09:23 मिनट के बीच सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि योग रहेगा. ये दोनों ही योग बेहद शुभ माने गए हैं और इनमें किए गए कोई भी कार्य आसानी से सिद्ध हो जाते हैं. इन तीन योग बनने के कारण इस बार की गोवर्धन पूजा बेहद फलदायी है.

गोवर्धन पूजा का महत्‍व

गोवर्धन पूजा प्रकृति को समर्पित त्‍योहार है. माना जाता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्‍ण ने इंद्रदेव का घमंड तोड़ा था और गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्‍ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों की जान बचाई थी और लोगों को प्रकृति की सेवा और पूजा करने का संदेश दिया था. ये दिन कार्तिक मास की शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा का दिन था. तब से इस दिन गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है और भगवान को सभी तरह की मौसमी सब्जियों से तैयार अन्‍नकूट का भोग लगाया जाता है.

गोवर्धन पूजा विधि

गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन बनाकर उसे फूलों से सजाया जाता है. गोवर्धन पूजा सुबह या शाम के समय की जाती है. पूजन के दौरान गोवर्धन पर धूप, दीप, पुष्‍प, रोली, अक्षत, प्रसाद आदि चढ़ाया जाता है. खील, बताशे और अन्‍नकूट का भोग लगाया जाता है. इसके बाद गोवर्धन पूजा की कथा पढ़ी जाती है. इसके बाद गोवर्धन की सात बार परिक्रमा करते हुए जयकारे लगाए जाते हैं. 

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त

ज्‍योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के अनुसार कार्तिक मास की शुक्‍ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 25 अक्टूबर शाम 4 बजकर 18 मिनट पर होगी और 26 अक्टूबर दोपहर 2 बजकर 42 मिनट तक रहेगी. ऐसे में 26 अक्‍टूबर को गोवर्धन पूजा का शुभ समय सुबह 6 बजकर 29 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. चूंकि उदया तिथि के साथ शुरू किसी भी तिथि का प्रभाव पूरे दिन माना जाता है, ऐसे में गोवर्धन पूजा 26 अक्‍टूबर की शाम को भी की जा सकती है. शाम के समय शुभ मुहूर्त 06:39 मिनट से रात 08:20 मिनट तक रहेगा.