भारत में हुए एक अलग तरह के अध्ययन में रिसर्चर्स ने ये पाया है कि ऐसे लोग जो अभी डायबिटीज (Diabetes) के शिकार नहीं हुए हैं लेकिन जल्द होने वाले हैं. हालांकि, अगर उन्हें तीन टाइम बादाम खिलाए जाएं तो उनका ब्लड शुगर नॉर्मल हो सकता है. भारत में की गई इस स्टडी में 18 से 60 साल के ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिन्हें अभी क्लीनिकल डायबिटीज तो नहीं है लेकिन उनका ब्लड शुगर लेवल डायबिटीज से थोड़ा ही कम है.

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जिन लोगों पर स्टडी की गई है वे मोटापे या लाइफस्टाइल या परिवार में किसी न किसी को डायबिटीज होने की वजह से डायबिटीज के मरीज होने से कुछ ही कदम दूर हैं. ऐसे मरीजों को प्री-डायबिटीक कहा जाता है. यानी ऐसे लोग जिनका ग्लाइसिमिक इंडेक्स टेस्ट HBA1c का स्कोर 5 से ज्यादा और 6 से कम है. ये टेस्ट शरीर में शुगर का तीन महीने का औसत बताता है.

भारत में 8 करोड़ होने वाली है डायबिटीज के मरीजों की संख्या

अनुमान के मुताबिक भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 8 करोड़ पहुंचने वाली है और ऐसे लोग जिन्हें भविष्य में डायबिटीज होने वाली है उनकी संख्या मौजूदा मरीजों से 3 गुना ज्यादा है. हर घर में एक डायबिटीज का मरीज है लेकिन हमें इस नंबर को कम करने पर जोर देना चाहिए क्योंकि डायबिटीज किडनी, दिल, त्वचा, घाव और दूसरी हजारों बीमारियों की वजह बन सकती है. बादाम खाने से याद्दाश्त बढ़ती है, ये तो कई बार सुना होगा लेकिन बादाम खाने से आप डायबिटीज से भी सुरक्षित रह सकते हैं. ये खबर इसलिए अहम है क्योंकि ये उन गिनती की रिसर्च में से है जो भारतीयों पर की गई है.

18 से 60 साल तक के 60 लोगों पर की गई स्टडी

रिसर्चरों ने 18 से 60 साल के ऐसे 60 लोगों को खाने से आधा घंटा पहले 20 ग्राम बादाम यानी लगभग 17-18 गिरी बादाम खाने के लिए दिए जिनके घर में कोई डायबिटीज का मरीज है या जिनका शुगर का औसत टेस्ट स्कोर 6 से कम और 5 से ज्यादा है. ब्रेकफास्ट, संच और डिनर से आधा घंटा पहला इन्हें बादाम खिलाए गए. इनकी डाइट को कंट्रोल किया गया और 45 मिनट तक रोजाना सैर करने के लिए कहा गया. ऐसा तीन महीने तक किया गया. तीन महीने बाद 33% लोगों के ब्लड शुगर लेवल नॉर्मल हो चुके थे यानी उन्हें डायबिटीज होने का खतरा टल चुका था. कुछ मरीजों का मोटापा घट गया और कॉलेस्ट्रोल लेवल भी कंट्रोल में आ गए.

बादाम में पाए जाते हैं ये पोषण तत्व

बादाम एक सुपर फूड है. ये प्रोटीन, फाइबर, जिंक, पोटेशियम विटामिन ई और ओमेगा 3 फैटी एसिड का अच्छा सोर्स है. ये पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद होता है और कॉलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है. लिहाजा ऐसे मरीज जिन्हें तीन महीने लगातार ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर से आधा घंटा पहले बादाम खिलाए गए, उनमें इन्सुलिन रेजिस्टेंस कम हो गया, पैंक्रियास की एक्टिविटी में सुधार हुआ और ब्लड शुगर मेंटेन करने में मदद मिली. शोधकर्ताओं ने ये भी दावा किया है कि जिस ग्रुप को बादाम दिए गए उनके वजन बॉडी मास इंडेक्स और कमर की चौड़ाई में भी कमी आई. डॉक्टर्स का दावा है कि डायबिटीज के मरीजों में भी अगर यही फॉर्मूला अपनाया जाए तो उनकी इंसुलिन और दवाओं पर निर्भरता काफी कम हो सकती है.

भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या 8 करोड़ से ज्यादा है और ऐसे मरीज जिन्हें आगे चलकर डायबिटीज होने का खतरा है, उनकी संख्या लगभग तीन गुना ज्यादा है. हर 6 में से 1 व्यक्ति या तो डायबिटीज का शिकार है या भविष्य में डायबिटीज का शिकार हो सकता है. रिसर्च के मुताबिक एक वयस्क को दिन में 1 मुट्ठी यानी करीब 56 ग्राम बादाम खाए जा सकते हैं. 4 साल से बड़े बच्चों को दिन में 3-4 बादाम भिगोकर खिला सकते हैं.

बादाम को सुपर फूड कहने के पीछे की अन्य वजहें 

  • बादाम खाने से इम्युनिटी यानि बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ती है.
  • बादाम ब्लड क्लॉटिंग से बचाता है. बादाम में प्रोटीन और आयरन पाया जाता है.
  • बादाम में विटामिन और मैग्नीशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जिससे थकान दूर होती है.
  • रोज बादाम खाने वाले लोगों की हड्डियां भी मजबूत होती हैं.   
  • बादाम में ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन के, विटामिन ई, कॉपर, फाइबर और जिंक भी पाया जाता है.
  • बादाम खाने से बच्चों का दिमाग तेज होता है क्योंकि इससे ब्रेन सेल्स रिपेयर हो सकते है.