व्हाट्सएप (WhatsApp) की 'चेकपॉइंट टिपलाइन' (Tipline) सेवा भारतीय यूजर को फर्जी खबर की रिपोर्ट करने में मदद करने वाला कोई हेल्पलाइन नंबर नहीं है, बल्कि यह फेसबुक के खुद के लिए डेटा (Data) संग्रह की एक शोध परियोजना है, जिससे फेसबुक को यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि गलत सूचना किस प्रकार फैलती है. 

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हालांकि पहले यह खबर आई थी कि इस हेल्‍पलाइन का इस्‍तेमाल चुनाव के दौरान अफवाह, विवादित संदेश या भ्रामक खबर फैलने से रोकने में किया जा सकेगा. यानि अगर किसी के पास WhatsApp पर कोई भ्रामक मैसेज आता है तो वह उसे इस हेल्‍पलाइन की मदद से चेक कर सकता है.

मीडिया स्किल स्टार्टअप प्रोटो के अनुसार, चेकपॉइंट टिपलाइन सेवा हेल्पलाइन नहीं, बल्कि शोध परियोजना है. प्रोटो ने वेबसाइट पर एक एफएक्यू पोस्ट किया है, जिसमें उसने कहा, "चेकपॉइंट टिपलाइन का इस्तेमाल मुख्य रूप से शोध के लिए डेटा संग्रह करने के लिए किया जाता है. यह कोई हेल्पलाइन नहीं है कि उससे हर यूजर को जवाब दिया जाएगा." 

व्हाट्सएप के प्रवक्ता ने बजफीड न्यूज को इसकी पुष्टि की है कि घोषणा का यह मतलब नहीं था कि प्रत्येक अनुरोध पर जवाब दिया जाएगा. भारत में लोग गलत सूचना या अफवाह के बारे में व्हाट्सएप के चेकपॉइंट टिपलान को 91-9643-000-888 पर अपना अनुरोध सौंप सकते हैं.

एजेंसी इनपुट के साथ