सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप (WhatsApp) पर लॉकडाउन के बीच कई तरह की खबरें तेजी से फैल रही हैं. कोरोना वायरस (Coronavirus) से जुड़ी तमाम भ्रामक जानकारी भी वॉट्सऐप से ही फैलाई जा रही है. गलत और फर्जी खबरों (Fake News) पर रोक लगाने के लिए वॉट्सऐप ने भी कई ठोस कदम उठाएं हैं. लेकिन, पिछले कुछ दिनों से एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया गया है कि सरकार आपके वॉट्सऐप मैसेज को पढ़ रही है. 

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इसके अलावा 'टिक्स' की संख्या और रंग को लेकर गलत जानकारी भी वायरल हुई. मैसेज के अनुसार, तीन ब्लू टिक संकेत देते हैं कि सरकार ने किसी विशेष संदेश पर ध्यान दिया है, दो ब्लू और एक रेड टिक का मतलब है कि सरकार उस विशेष संदेश पर कार्रवाई कर सकती है. अब इसे लेकर सरकारी तंत्र PIB ने सच्चाई का पता लगाया है.

फैक्ट चेक में सामने आई सच्चाई

PIB के Fact check में सामने आया कि वॉट्सऐप पर वायरल हो रहा 'टिक मार्क' वाला मैसेज पूरी तरह फेक है. साथ ही लोगों को ऐसे मैसेज से सतर्क रहना चाहिए. PIB ने लोगों से अपील की है कि सरकार के नाम पर आने वाले किसी भी मैसेज को फॉरवर्ड न करें. क्योंकि, सरकार ऐसा कोई काम नहीं कर रही है. PIB की Fact Check यूनिट सरकार की पॉलिसी के तहत गलत सूचनाओं को वेरिफाई करती हैं.

PIB ने किया अलर्ट

'WhatsApp पर यह भी तेजी से वायरल हुआ कि यूज़र्स पता लगा सकते हैं कि उनके मैसेज पर सरकार नज़र रखी रही है या नहीं. क्या सरकार मैसेज को लेकर उन पर कार्रवाई कर सकती है या नहीं? PIB ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर आपको भी ऐसे कोई मैसेज मिलता होता है तो उस फर्जी मैसेज पर बिल्कुल ध्यान न दें.

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कोई नहीं पढ़ सकता आपका मैसेज

भारत और दुनिया में कोरोनोवायरस के मामले बढ़ रहे, सोशल मीडिया फर्जी खबरों का मुख्य सोर्स बन गया है. फेसबुक का मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वॉट्सऐप भारत में फर्जी खबरों के प्रमुख सोर्स में से एक है, जहां मैसेज बिना मॉनिटरिंग के सबसे ज्यादा फॉरवर्ड किए जाते है. WhatsApp एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड है, इसलिए यूज़र्स के मैसेज को ना ही सरकार और यहां तक की ना ही वॉट्सऐप खुद पढ़ सकता है.