सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने व्हाट्सऐप से भेजे गये संदेश की कूटभाषा संबंधी जानकारी ‘डिक्रिप्शन’ नहीं मांगी है बल्कि भड़काऊ संदेश भेजने वाले व्यक्ति की पहचान और उसके स्थान के बारे में जानकारी मांगी है. व्हाट्सऐप पर भड़काऊ संदेशों के प्रसारित होने से कई बार हिंसा और जघन्य घटनाएं हो जाती हैं.

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व्हाट्सएप के उपाध्यक्ष क्रिस डेनियल्स के साथ बैठक के बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि मैंने किसी चीज के बारे में पता लगाने की क्षमता पैदा करने की बात की हैं, संदेशों को डिकोड करने की बात नहीं की है. उन्होंने कहा कि हमें जघन्य अपराध, गंभीर जुर्म और हिंसा भड़काने वाले व्हाट्सऐप संदेशों के प्रेषक की पहचान और स्थान की जानकारी चाहिए.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि व्हाट्सऐप टीम ने हमें भरोसा दिया है कि वे इस मामले में विचार करेंगे और जवाब देंगे. उल्लेखनीय है कि सरकार ने फेसबुक की स्वामित्व वाली व्हाट्सऐप को भ्रामक, भड़काऊ सूचनाओं और संदेशों पर अंकुश लगाने के लिए जरुरी कदम उठाने को कहा है.

प्रसाद ने कहा कि मैंने क्रिस डेनियल्स और उनके टीम के साथ मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की. उन्होंने आश्वस्त किया कि हमने भारत के लिए शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त किया है. मैंने अधिकारी को भारत में ही बैठने का सुझाव दिया है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि व्हाट्सएप चुनावों के दौरान संदेश प्रसारित करने का प्रमुख जरिया होता है, इसलिए इस प्लेटफार्म की सत्यनिष्ठा को बनाए रखना जरूरी है.