फिजिकल सिम के बारें में तो आपने सुना ही होगा क्योंकि इसका यूज हर कोई करता है, लेकिन क्या आपने ई-सिम के बारे में सुना है? दरअसल ई-सिम फिजिकल सिम से काफी अलग होती है , ई सिम एक तरह की डिजिटल सिम है जिसे डिवाइस में एम्बेड किया जाता है यानी इस सिम को इस सिम को फिजिकली डिवाइस में लगाने की जरूरत नहीं होती है. वहीं फिजिकल सिम कार्ड वो सिम होती है जिसे आप हैंडसेट में फिजिकली लगा सकते हैं. बता दें कि कई लोग ई सिम के बारे में जानते है और इसे यूज भी करते हैं लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो इस तरह की सिम से अंजान हैं. चलिए हम आपको बताते हैं कि ईसिम फिजिकल सिम से कितना अलग है और इसे इस्तेमाल करने के क्या फायदे और नुकसान होते हैं. 

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क्या है e-sim?

ई सिम यानी एंबेडेड सब्‍सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल एक तरह की डिजिटल सिम है जिसे डिवाइस में एम्बेड किया जाता है. ये सिम फिजिकल सिम से काफी अलग होता है इसमें आपको आपको फोन में कोई कार्ड नहीं डालना होता है बल्कि टेलीकॉम कंपनी ई-सिम को ओवर-द-एयर चालू कर देती है. 

क्या हैं इसके फायदे? 

ईसिम यूज करने के कई सारे फायदे हैं, ये फिजिकल सिम कार्ड से काफी अलग है. ईसिम को खोने या चोरी होने का खतरा नहीं होता है इसलिए ये ज्यादा सेफ होती है. बता दें कि एक ई-सिम पर एक बार में ज्‍यादा से ज्यादा पांच वर्चुअल सिम कार्ड स्टोर किए जा सकते हैं मतलब अगर किसी सिग्नल पर पूरे नेटवर्क नहीं मिल रहें हो तो यूजर तुरंत नेटवर्क बदल सकते हैं. इंडिया में ऐपल, सैमसंग, गूगल, मोटोरोला के स्मार्टफोन इस ईसिम को सपोर्ट करते हैं. 

नुकसान भी जान लीजिए

अगर आप फिजिकल सिम का यूज करते हैं तो आप अपना सिम निकालकर आसानी से दूसरे फोन में डाल सकते हैं. लेकिन अगर आप ईसिम यूजर हैं तो ये सुविधा आपको नहीं मिलेगी. क्योंकि ये ईसिम मोबाइल के हार्डवेयर में शामिल होती है, इसलिए आप इसे फोन से हटा नहीं सकते हैं.

फिजिकल सिम कार्ड से कितना अलग 

फिजिकल सिम कार्ड की तुलना में ईसिम कार्ड यूजर खरीदने वाले ग्राहक कम हैं. फिजिकल सिम का एक फायदा यह है कि इसे किसी भी फोन में लगाया जा सकता है लेकिन अब भी मार्केट में कई ऐसे डिवाइस हैं जो ई-सिम सपोर्ट नहीं करते हैं.