माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर ने स्वीकार किया है कि बग के कारण करीब तीन लाख यूजर का डायरेक्ट मैसेज (डीएम) तीसरे पक्ष ऐप डेवलपर्स के पास चला गया. ट्विटर ने बताया कि बग मई 2017 से सक्रिय था और कुछ घंटों की तलाश के बाद 10 सितंबर को इस समस्या को दूर कर लिया गया, ताकि अनजाने में गलत डेवलपर को डेटा भेजे जाने पर रोक लगाई जाए.

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ट्विटर ने शनिवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, बग से ट्विटर पर एक फीसदी से कम लोग प्रभावित हुए. बग के कारण कुछ संवाद अनजाने में दूसरे रजिस्टर्ड डेवलपर को चला गया होगा. वर्तमान में ट्विटर के 33.6 करोड़ यूजर हैं और इसका एक फीसदी का मतलब तकरीबन 30 लाख यूजर प्रभावित हुए.

जानकारों का कहना है कि ऐसी स्थिति में हर ट्विटर यूजर को अपने अकाउंट का पासवर्ड तुरंत बदल लेना चाहिए. साथ ही उनका यह भी कहना है कि समय-समय पर आमतौर पर भी पासवर्ड बदलते रहें. इससे आपके अकाउंट के सुरक्षित रहने की संभावना बढ़ जाती है.

मई से ही सक्रिय था बग

ट्विटर में बग की यह समस्या मई 2017 से ही देखी गई थी. तब टि्वटर ने अपने सभी यूजरों को पासवर्ड बदलने की सलाह दी थी. दरअसल, ट्विटर पर एक बग आया था जिसने यूजर्स के पासवर्ड को प्लेन टेक्स्ट में इंटरनल सिस्टम पर स्टोर कर दिया था. हालांकि उस समय ट्विटर ने स्पष्ट कर दिया था कि किसी तरह की डेटा चोरी नहीं की जा सकी है. 

ट्विटर लाइट ऐप अब भारत में उपलब्ध

ट्विटर ने हाल में ही अपने डेटा-फ्रेंडली टि्वटर लाइट एंड्रॉयड ऐप को 21 और देशों में उपलब्ध करा दिया है. इसमें भारत का नाम भी शामिल है. इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है. इसे 2G और 3G नेटवर्क को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जिसका इस्तेमाल देश के कई इलाकों में अभी भी किया जाता है. ये डेटा और स्पेस दोनों बचाता है और कमजोर नेटवर्क में भी तेजी से लोड हो जाता है.