पेट्रोलियम ईंधन, हाइड्रो या फिर थर्मल पावर के स्थान पर दुनिया का फोकस सौर ऊर्जा (solar energy) पर है. एक तरफ जहां सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई-नई योजनाएं ला रही हैं, वहीं वैज्ञानिक भी नए-नए प्रयोग कर रहे हैं. 

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ज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और  केंद्रीय यांत्रिक अभियांत्रिक अनुसंधान संस्थान (CMERI) ने मिलकर एक विशाल सौर वृक्ष (Solar Tree) तैयार किया है. दावा तो यह किया जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा सौर पेड़ (World’s Largest Solar Tree) है. इस पेड़ को सीएसआईआर-सीएमईआरआई की दुर्गापुर स्थित आवासीय कॉलोनी तैयार किया गया है. 

 

CSIR-CMERI के डायरेक्टर डॉक्टर हरीश हिरानी ने बताया कि इस सौर पेड़ की क्षमता 11.5 केडब्ल्यूपी यानी किलोवाट पीक (kilowatts peak) से अधिक है. यह पेड़ स्वच्छ और हरित ऊर्जा की 12,000-14,000 यूनिट हर साल तैयार कर सकता है. 

डॉक्टर हिरानी ने बताया कि इस सौर वृक्ष को इस तरह से तैयार किया गया है कि इसका हर एक पैनल सूरज की ज्यादा से ज्यादा रोशनी को ग्रहण करेगा और इसके नीचे कम से कम छाया बनेगी.

सौर वृक्ष 330 डब्ल्यूपी की क्षमता वाले 35 सौर पीवी पैनल लगाए गए हैं. सौर पीवी पैनलों को पकड़ने वाले हत्थे का झुकाव लचीला है और इसे जरूरत के मुताबिक सैट किया जा सकता है. यह सुविधा छत पर लगने वाले सौर पैनल में नहीं होती है. इससे ऊर्जा उत्पादन आंकड़ों की निगरानी वास्तविक समय या दैनिक आधार पर की जा सकती है.

डॉ. हरीश हिरानी ने बताया की सीएसआईआर-सीएमईआरआई द्वारा तैयार सौर वृक्ष की दुनिया का सबसे बड़ा सौर वृक्ष होने के कई खासियतें हैं. यह सौर वृक्ष बहुत कम छाया देता है. इसे ऐसे तैयार किया गया है कि सौर वृक्ष का इस्तेमाल पावर वाले सिंचाई पंप, ई-ट्रैक्टर और ई-पावर टिलर जैसी मशीनों को चलाने में किया जा सकता है. 

हिरानी बताते हैं कि एक सौर वृक्ष पेट्रोलियम ईंधन से ऊर्जा बनाने के दौरान पैदा होने वाली ग्रीन हाउस गैसों (Greenhouse Gases) की तुलना में 10-12 टन कार्बन डाई आक्साइड बचाने का कूवत रखता है. 

सौर वृक्षा का यह मॉडल खेती-किसानी के लिए बहुत काम का साबित हो सकता है. इससे खेती के कई कामों में ऊर्जा की बचत होगी.  

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सौर वृक्ष की कीमत

डॉक्टर हीरानी बताते हैं कि एक सौर वृक्ष की कीमत 7.5 लाख रुपये के आसपास होती है. इसे तैयार करने वाली कंपनियां किसानों को प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना के तहत वितरित कर सकती हैं. 

इस सौर वृक्ष में आईओटी आधारित सुविधाएं जैसे- खेत की सीसीटीवी से निगरानी, ​नमी की मात्रा, हवा की गति, बारिश की भविष्यवाणी और मिट्टी की जांच के सेंसर की क्षमता है.