आपने अपने आसपास ऐसे तमाम लोगों को देखा होगा, जो मोबाइल को थोड़ी देर इस्‍तेमाल करते हैं और जरा सा डिस्‍चार्ज होते ही उसे फिर से चार्ज करने लगते हैं. उनकी कोशिश रहती है कि किसी तरह उनके फोन की बैटरी 100% चार्ज रहे. अगर आप भी ऐसा ही करते हैं, तो इस भूल को जल्‍दी ही सुधार लीजिए क्‍योंकि स्‍मार्टफोन को जरूरत से ज्‍यादा चार्ज करना बैटरी की लाइफ के‍ लिए अच्‍छा नहीं होता. हम में से ज्‍यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती कि मोबाइल फोन को कब चार्जिंग पर लगाना चाहिए? आइए आपको बताते हैं इस बारे में.

मोबाइल फोन को कब चार्ज करें

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दरअसल मोबाइल की बैटरी में लिथियम का इस्‍तेमाल किया जाता है क्योंकि ये काफी हल्का और ज्यादा एनर्जी स्टोर कर सकता है. ज्‍यादातर एक्‍सपर्ट्स का मानना है कि लिथियम-आयन बैटरी को अनावश्‍यक रूप से चार्ज किया जाए तो इसकी उम्र घटने लगती है. मान लीजिए कि अगर आपने आधा घंटे के लिए मोबाइल का इस्‍तेमाल किया और इस बीच आपके फोन की 10 प्रतिशत बैटरी की खपत हो गई, इसके बाद आपने फोन को फिर से चार्जिंग पर लगा दिया, तो ये बैटरी के लिए ठीक नहीं होता. एक्‍सपर्ट्स की मानें तो स्‍मार्टफोन को 80 प्रतिशत तक ही चार्ज करें और जब आपके स्‍मार्टफोन की बैटरी 20 प्रतिशत रह जाए, तब इसे चार्जिंग पर लगाएं. आपको बेशक 100 प्रतिशत चार्ज बैटरी अच्‍छी लगती हो, लेकिन ये लिथियम-आयन बैटरी की लाइफ के हिसाब से अच्‍छा नहीं होता. बैटरी की बेहतर लाइफ के लिए इसे न तो फुल चार्ज करें और न ही पूरी तरह ड्रेन होने दें.  

मोबाइल सॉफ्टवेयर अपडेट करें

इसके अलावा अपने फोन के सॉफ्टवेयर को समय-समय पर अपडेट जरूर करते रहें. सॉफ्टवेयर अपडेट न करने की वजह से भी बैटरी की लाइफ कम हो जाती है. आजकल कंपनी सॉफ्टवेयर अपडेट में बैटरी बूस्टिंग का फीचर भी ऐड करती है. इससे बैटरी में नई जान आ जाती है.

फिजूल ऐप्‍स डिलीट करें

अपने स्मार्टफोन में हम तमाम फालतू के ऐप्‍स स्‍टोर कर लेते हैं. अगर आपको लगता है कि कुछ ऐप्‍स आपके काम के नहीं हैं, तो इन्‍हें फौरन डिलीट कर दें और स्‍टोरेज को खाली करें. स्‍टोरेज फुल रखने से प्रोसेसर पर दबाव पड़ता है और स्‍मार्टफोन की बैटरी की खपत बढ़ती है. 

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