मोदी सरकार ने पबजी (PUBG) सहित 118 चाइनीज ऐप्स का गेम ओवर कर दिया है. ये चीन पर भारत की तीसरी बड़ी डिजिटल स्ट्राइक (Digital Strike) है. इस स्ट्राइक से चीन को करीब हजारों करोड़ के नुकसान की आशंका है. सरकार के मुताबिक, बैन किए गए सभी ऐप्स देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन गए थे. सरकार ने इन ऐप्स पर आईटी एक्ट के सेक्शन 69ए के तहत कार्रवाई की है. ऐप्स बैन की सबसे बड़ी वजह, डाटा का गलत इस्तेमाल और जासूसी है. चीन के लिए ये बैन बड़ा झटका है क्योंकि इन ऐप्स का भारत में यूजरबेस करोड़ों में है. अकेले पबजी की बात करें तो उन्हें कई हजार करोड़ की कमाई होती थी. 

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भारत में पबजी के 17 करोड़ से ज्यादा डाउनलोड हैं जबकि करीब 100 देशों तक फैले इस गेम को 56 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं. ऐप स्टोर पर रेवेन्यू में भी ये गेम नंबर एक पर है. लेकिन, बैन से चीन को करीब पांच हजार करोड़ की चपत लगी है. हालांकि पबजी बैन करने का फैसला लोगों को चौंकाने वाला लग रहा है. क्योंकि पबजी को साउथ कोरियन वीडियो गेमिंग कंपनी ब्लूहोल ने डेवलप किया है. लेकिन, चीन की कंपनी टेन्सेंट की इसमें हिस्सेदारी है. जिसकी वजह से इसे बैन किया गया है.

लद्दाख में चीन से चल रही तनातनी के बीच आईटी मंत्रालय ने जिन ऐप्स को बैन किया है. उन्हें तीन कैटेगरी में बांटा है, ये कैटेगरी है.  गेमिंग ऐप, सोशल मीडिया ऐप और यूटिलिटी ऐप, इनमे से गेमिंग ऐप कैटेगरी में पबजी साइबर हंटर लूडो वर्ल्ड माफिया सिटी सहित कुल 37 ऐप्स सोशल मीडिया ऐप कैटेगरी में बाइडू, वी चैट वर्क, गो SMS प्रो, किटी लाइव सहित कुल 15 ऐप और यूटिलिटी ऐप कैटेगरी में APUS लॉन्चर, कैमकार्ड बिजनेस, ब्यूटी कैमरा, ऐपलॉक, मैसेजलॉक सहित कुल 66 ऐप्स को बैन किया गया है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक,  ऐप बैन के बाद जहां चीन भारतीयों का डाटा मिसयूज नहीं कर पाएगा. वहीं ऐप पर प्रतिबंध से चीनी कंपनियों को हजारों करोड़ रुपए की चपत भी लगेगी.

बैन किए गए 118 चीनी ऐप दुनियाभर से जो कमाई करते हैं. उसका एवरेज 30 से 40 परसेंट हिस्सा भारत से जाता है. अकेले पबजी ने ही जुलाई तक साढ़े 22 हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई  भारत से की है.आपको बता दें कि हमारे ऐप मार्केट का करीब 40 परसेंट हिस्सा चाइनीज ऐप्स का है. इस वक्त भारत में 50 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन यूजर्स हैं. जिसमें से 66 परसेंट लोग कम से कम एक चाइनीज ऐप का इस्तेमाल करते ही हैं

अब दोनों देशों के बीच चल रहे मौजूदा हालात में भारत कभी नहीं चाहेगा कि उसके इतने बड़े डिजिटल नेटवर्क पर चीन का कंट्रोल हो. तीन-तीन ऐप बैन की कार्रवाई के बाद IT मंत्रालय अभी भी दसरे चीनी ऐप्स की जांच कर रही है. यानि कि आगे और कई डिजिटल स्ट्राइक्स देखने को मिलेंगी.

मोदी सरकार अबतक चीन के 224 ऐप बैन कर चुकी है इससे पहले जब कार्रवाई की गई थी. तब से देश में मेड इन इंडिया ऐप्स की डिमांड तेजी से बढ़ी हैं लोगों को नई नौकरियां मिली हैं. कुल मिलाकर कर सकते हैं कि चाइनीज ऐप बैन.

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भारतीय ऐप और गेमिंग इंडस्ट्री के लिए एक बड़े अवसर की तरह है. एक्सपर्ट्स भी इसे भारतीय डेवलपर्स के लिए बड़े मौके के तौर पर देख रहे हैं. उनका मानना है कि सरकार के इस कदम से देसी ऐप डेवलपर्स नए-नए  ऐप्‍स बनाने के लिए उत्‍साहित होंगे.