एशिया के सबसे बड़े सोलर बिजली घर का शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उद्घाटन करेंगे. यह प्‍लांट मध्यप्रदेश के रीवा में बनकर तैयार हुआ है और एशिया के सबसे बड़ा सौर संयंत्र (Solar plant) है. प्‍लांट्र की क्षमता 750 मेगावट बिजली उत्पादन की है. यह प्‍लांट रीवा से 25 किलोमीटर दूर गुढ़ में 1590 एकड़ में फैला हुआ है. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि यहां बनने वाली बिजली में से 24 प्रतिशत दिल्ली मेट्रो को जबकि शेष 76 प्रतिशत बिजली मध्य प्रदेश के राज्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को जाएगी. 

इसी साल जनवरी में 750 मेगावाट की क्षमता के साथ यहां बिजली उत्पादन शुरू हो गया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी से समय नहीं मिलने की वजह से इसका लोकार्पण नहीं हो पाया था. यह परियोजना रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (Rewa ultra mega solar limited), एमपी ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (MP urja vikas nigam ltd) और भारत के सौर ऊर्जा निगम का एक संयुक्त उद्यम है.

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इस परियोजना में एक सौर पार्क के अंदर स्थित 500 हेक्टेयर भूमि पर 250-250 मेगावाट की तीन सौर उत्पादन इकाइयां शामिल हैं. यह परियोजना सालाना लगभग 15 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी.

रीवा अल्‍ट्रा को Solar park बनाने के लिये 138 करोड़ रुपये की मदद दी गई थी. पार्क बनने के बाद रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड ने नीलामी से कंपनियों को चुना. 

Zee Business Live TV

इस प्रोजेक्‍ट से बनने वाली बिजली की दर 15 साल तक 0.05 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी के साथ पहले साल 2.97 रुपये प्रति यूनिट होगी. इस हिसाब से 25 साल के लिए 3.30 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी. परियोजना सालाना लगभग 15 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी.