आने वाले दिनों में अब देश भर में फीचर फोन (Feature Phone) को स्मार्टफोन (Smartfphone)में  बदलने की मुहिम तेज होगी. मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियां देश में इस्तेमाल में लाए जाने वाले फीचर फोन को स्मार्टफोन से बदलने की एक स्कीम पर काम कर रही हैं. यह जानकारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री के टॉप संगठन आईसीईए के एक मेंबर ने दी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, लावा इंटरनेशनल के चेयरमैन और एमडी हरि ओम राय ने कहा कि फीचर फोन इस्तेमाल करने वाले लोगों के पास तक स्मार्टफोन पहुंचाने की स्कीम तैयार होने में और दो महीने लगेंगे.

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उन्होंने ‘इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन’ (ICEA) के एाक वेबिनार के दौरान यह बात कही. इस दौरान प्रशासन संचालन में स्मार्टफोन की भूमिका पर एक रिपोर्ट भी जारी की गई. राय ने कहा, हम देश में मौजूद सारे फीचर फोन को स्मार्टफोन से बदलने की स्कीम पर काम कर रहे हैं. यह देश में न सिर्फ उस सिरे से बदलाव लाएगा बल्कि यह ऐप इकोसिस्टम और मौलिक सॉफ्टवेयर के बीच भेजना भी सुनिश्चित करेगा.

वेबिनार के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी सेक्रेटरी अजय प्रकाश साहनी ने मोबाइल फोन मैनुफैक्चरर्स से मोबाइल फोन में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर पर ध्यान देने को कहा. उन्होंने कहा कि देश को स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर पर भी काम करना शुरू करना चाहिए.

साहनी ने कहा, इतनी ही बड़ी चुनौती (फीचर फोन के बदले स्मार्टफोन) मोबाइल फोन के सॉफ्टवेयर वाले हिस्से मसलन ऑपरेटिंग सिस्टम और हर रोज इस्तेमाल होने वाली ऐप को लेकर भी है. हमारे पास नई ऐप बनाने की योग्यता है. आज भारत में किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी पर काम किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री को सॉफ्टवेयर डेवलप करने पर भी ध्यान देना चाहिए जिसमें भारतीय डीएनए हो. साहनी ने यह रिपोर्ट जारी करते समय कहा कि देश डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रहा है. नागरिकों को कई अलग-अलग सरकारी सेवाएं डिजिटल माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही हैं. 

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सरकार 300 से ज्यादा ऐप के जरिये नागरिक सुविधाएं पहुंचा रही है. आईसीईए ने यह रिपोर्ट केपीएमजी के साथ मिलकर तैयार की है. इसमें 2022 तक देश में कुल 82.9 करोड़ स्मार्टफोन होने का अनुमान जताया गया है. यह करीब देश की 60 प्रतिशत आबादी के बराबर है.