'आरोग्य सेतु' से प्रभावित हुआ WHO, जल्द गरीब देशों के लिए लॉन्च करेगा ऐसा ही ऐप
आरोग्य सेतु ऐप की सफलता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जल्द ही आरोग्य सेतु जैसा ऐप लॉन्च करने जा रहा है, जिसमें वो सारी तकनीकि खासियतें होंगी, जो आरोग्य सेतु ऐप में मौजूद हैं.
Updated on: May 09, 2020, 04.50 PM IST
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WHO के ऐप में होंगी ये खासियतें
WHO की ओर से जो ऐप लॉन्च किया जाएगा. इस ऐप में ब्लूटूथ की मदद से कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को ट्रैक किया जा सकेगा. यह ऐप यूजर्स से कोरोना के लक्षण के बारे में पूछेगा. इसके साथ ही उसका सॉल्युशन भी बताया जाएगा. संगठन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी बर्नाडो मारिआनो ने रॉयटर्स को बताया कि इसके लोगों को यह भी बताया जाएगा कि कैसे वो इस बीमारी की जांच करवा सकते हैं. हालांकि यह देश के ऊपर निर्भर होगा कि वो कैसे जांच करवाएगा.
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जल्द ही ऐप स्टोर्स पर लॉन्च होगा
हमारी सहयोगी वेबसाइट ज़ी न्यूज के मुताबिक, मारिआनो ने कहा कि WHO जल्द ही ऐप को प्ले स्टोर और आईओएस पर लॉन्च करेगा. इस ऐप की तकनीक को कोई भी सरकार ले सकेगी, उसमें नए फीचर डालकर के अपना वर्जन लॉन्च कर सकती है.
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इन देशों ने भी लॉन्च किया ऐप
बता दें भारत के अलावा इस समय आस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम ने अपना खुद का ऐप लॉन्च किया है, जिसकी मदद से वायरस को ट्रैक किया जा सकेगा. बता दें गूगल और माइक्रोसॉफ्ट में पहले काम कर चुके कुछ इंजिनियर्स और डिजाइनर्स WHO के ऐप पर काम कर रहे हैं. मोबाइल में कॉटैक्ट ट्रेसिंग ऐप हो, तो लोगों के बारे में ये पता लगाया जा सकता है कि वो कहां आए- गए. और कहीं वो किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आए. इसके लिए ये ऐप ब्लूटूथ सेंसर का इस्तेमाल करता है.
अगर वो किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के आस पास होंगे, तो तुरंत उनके पास एलर्ट का मैसेज जाएगा. इस ऐप का एक फायदा ये भी है कि लोगों को पहले के दौर में किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बारे में पता सकते हैं.
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ब्लूटूथ का होगा इस्तेमाल
मोबाइल कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप के लिए जीपीएस के बजाय ब्लूटूथ तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. वजह ये है कि इसमें फोन की बैटरी कम खर्च होती है. ये ज्यादा सटीक होते हैं और जीपीएस अक्सर बहुमंजिला इमारतों में काम नहीं करते.