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Flight में इंटरनेट तो करवा दिया जाता है बंद...फिर भी Air Hostess कैसे करती हैं कार्ड से पेमेंट?

What is IFC Technology: हवाई जहाज (Aeroplane) जब भी Take off करता है तो इंस्ट्रक्शंस दी जाती हैं कि आप अपने फोन, लैपटॉप, टैबलेट में Internet को बंद कर दें और Airplane मोड पर लगा दें. ऐसा एयरलाइन इंस्ट्रक्शन क्यों देती है? और जाहिर है कि आपके मन में सवाल आया होगा कि जब इंटरनेट बंद है तो उस दौरान Air Hostess आपके कार्ड से पेमेंट एक्सेप्ट कैसे कर लेती होंगी?. चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार में.
Updated on: April 15, 2024, 04.29 PM IST
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कैसे हो जाती है कार्ड से पेमेंट?

कार्ड की पेमेंट के लिए भी एयरलाइन के पास पूरा प्रोसेस होता है. सबसे पहले सर्वर कार्ड की डीटेल और पेमेंट को वेरिफाई करता है. अगर पेमेंट सक्सेस हो जाती है तो सर्वर मशीन को एक कन्फर्मेशन मैसेज भेजता है. IFC के फायदे की बात करें तो ये विमानों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के बावजूद पेमेंट एक्सेप्ट करने की सर्विस देता है. ये सेफ्टी और भरोसे के लिहाज से काफी फायदेमंद रहता है, क्योंकि Deta encrypted होता है, जो कि लेनदेन के प्रोसेस को फास्ट और आसान बनाता है.

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कैसे रहता है डेटा सुरक्षित?

एन्क्रिप्टेड डेटा को मशीन से GPRS (General Packet Radio Service) या GSM (Global System for Mobile Communications) जैसे सेलुलर नेटवर्क के माध्यम से एक सुरक्षित सर्वर पर भेजा जाता है.

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कौन-सी मशीन का इस्तेमाल करते हैं?

एयर होस्टेस के पास एक पोर्टेबल पॉइंट-ऑफ-सेल (POS) मशीन होती है, जिसे स्वाइप मशीन भी कहा जाता है. यह मशीन इंटरनेट से कनेक्टेड रहती है, बल्कि इसमें पहले से ही पेमेंट प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक सॉफ्टवेयर और डेटा होता है.

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IFC नाम की टेक्नोलॉजी को करते हैं यूज

कई एयरलाइंस में यात्रियों को इंटरनेट इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होती है. इसका मतलब है कि वे ऑनलाइन भुगतान नहीं कर सकते हैं. लेकिन, एयर होस्टेस आपके क्रेडिट या डेबिट कार्ड से भुगतान स्वीकार करने के लिए इन-फ्लाइट कॉमर्स (IFC) नामक एक खास तकनीक का इस्तेमाल करती हैं.  

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कैसे होती है कार्ड की रीडिंग?

जब आप अपना क्रेडिट या फिर डेबिट कार्ड मशीन में स्वाइप करते हैं तो मशीन कार्ड की डीटेल को वेरिफाई करती है और उसे एन्क्रिप्ट करती है.