Aarogya setu ऐप को लेकर मोदी सरकार ने जारी किए नए और सख्त नियम, नहीं माना तो होगी जेल
भारत की केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप (Arogya Setu App) को लेकर डेटा प्रोसेसिंग से जुड़े कुछ निर्देश (Guidelines) जारी किए हैं. इनका उल्लघंन करने या फिर गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर नागरिक को जेल भी जाना पड़ सकता है. ऐप के नए नियम यूजर्स की प्राइवेसी को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं.
भारत की केंद्र सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप (Arogya Setu App) को लेकर डेटा प्रोसेसिंग से जुड़े कुछ निर्देश (Guidelines) जारी किए हैं. इनका उल्लघंन करने या फिर गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर नागरिक को जेल भी जाना पड़ सकता है. ऐप के नए नियम यूजर्स की प्राइवेसी को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सचिव अजय प्रकाश साहनी के मुताबिक, डेटा की प्राइवेसी पर बहुत काम किया गया है. यह सुनिश्चित करने के लिए एक प्राइवेसी पॉलिसी भी तैयार की गई है, जिससे लोगों के पर्सनल डेटा का गलत इस्तेमाल न हो.
नए नियमों के तहत 180 दिन से ज्यादा का डेटा स्टोर नहीं किया जा सकता. यूजर की अपील पर 30 दिनों में आरोग्य सेतु के रिकॉर्ड को हटाना होगा. नए नियम केवल डेमोग्राफिक, कॉन्टैक्ट, सेल्फ-असेसमेंट और संक्रमितों के लोकेशन डेटा के संग्रह की ही अनुमति देते हैं.
जानकारी के मुताबिक, निर्देशों के किसी भी उल्लंघन के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के अनुसार दंड और अन्य कानूनी प्रावधान लागू हो सकते हैं. आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत जुर्माना लगाने से लेकर जेल की सजा तक का प्रावधान है.
अभी तक 9.8 करोड़ लोगों ने आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड किया है. यदि इस ऐप के यूजर्स किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो ऐप यूजर्स को अलर्ट करता है. कोविड-19 को लेकर रोक वाले इलाकों में आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य कर दिया गया है. सरकार ने उन लोगों के लिये एक टोल फ्री नंबर 1921 भी जारी किया है, जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है.
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