Mobile Tariff Price Hike: नए साल में आपको मोबाइल फोन रीचार्ज (Mobile phone recharge) कराना महंगा पड़ सकता है. कंपनियां टैरिफ में बढ़ोतरी हो सकती है. नए साल में टेलीकॉम सेक्टर (Telecom sector) में गतिविधियां काफी तेज होने वाली हैं, क्योंकि अगले साल स्पेक्ट्रम नीलामी होगी. पीटीआई की खबर के मुताबिक, ये कंपनियां एजीआर (AGR) बकाया चुकाने के चलते अपना टैरिफ बढ़ा सकती हैं. खबर के मुताबिक, इंडियन टेलीकॉम सेक्टर में एक समय में करीब एक दर्जन ऑपरेटर थे. हाल के सालों में जबरदस्त कॉम्पिटिशन के चलते कई बड़ी कंपनियों को कारोबार ही छो़ड़ना पड़ गया.

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कंपनियों की सेहत में होगा सुधार Health of companies will improve

ऐसे में अगर कंपनियां अपने टैरिफ में बढ़ोतरी करती हैं, तो उनकी फाइनेंशियल सेहत में सुधार होगा और बाजार पर नजर रखने वालों का मानना है कि इस स्थिति में 2021 इंडस्ट्री के लिए एक अच्छा साल हो सकता है. करीब 50,000 करोड़ रुपये के एजीआर बकाए का सामना कर रही वोडाफोन आइडिया ने कहा है कि इंडस्ट्री को दरों में बढ़ोतरी से रोकने का कोई कारण नहीं है, चर्चा चल रही है और इस संबंध में वह पहला कदम उठाने से कतराएगी नहीं. कंपनी ने हाल ही में पोस्टपेड टैरिफ बढ़ाने की शुरुआत की थी.

पोस्ट-पेड टैरिफ बढ़ा चुकी है वोडाफोन आइडिया Vodafone Idea has increased post-paid tariff

रेटिंग एजेंसी इक्रा को उम्मीद है कि मोबाइल ऑपरेटर कंपनियां अगले एक या दो तिमाहियों में टैरिफ बढ़ोतरी के अगले दौर में प्रवेश करेंगी. रिलायंस जियो की तरफ से नए टैरिफ प्लान पेश करने के कुछ महीनों बाद ही वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VI) ने चुनिंदा सर्किलों में पोस्ट-पेड टैरिफ में बढ़ोतरी की थी.

2020 में सिर्फ दो कंपनियां ही बचतीं! Only two companies survived in 2020!

जबरदस्त कॉम्पिटिशन के चलते यह भी संभव था कि 2020 में सिर्फ दो कंपनियां ही बचतीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट इन कंपनियों के 1.47 लाख करोड़ रुपये के एजीआर बकाए को 10 साल में चुकाने के लिए तैयार हो गया. सुप्रीम कोर्ट के अक्टूबर 2019 के इस आदेश से कठिन दौर से गुजर रहीं दूरसंचार कंपनियों को बड़ी राहत मिली, हालांकि कोर्ट ने एजीआर के कैलकुलेशन में मुख्य कोराबार के अलावा हुई इनकम को भी शामिल करने के सरकार के रुख को बरकरार रखा.

(रॉयटर्स)

एयरटेल को टैरिफ बढ़ाने से परहेज नहीं Airtel does not refrain from increasing tariff

भारती एयरटेल (Bharti Airtel), जिसने मुकेश अंबानी की जियो के हाथों बाजार में नंबर एक का स्थान खो दिया, ने संकेत दिया है कि हालांकि वह टैरिफ बढ़ोतरी शुरू करने नहीं जा रही है, लेकिन यदि दूसरे कीमतें बढ़ाते हैं, तो वह भी ऐसा करेगी. क्रेडिट सुइस के अनुसार जियो अधिक स्पेक्ट्रम हासिल कर सकती है, क्योंकि 35 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी और कहीं ज्यादा टैरिफ हिस्सेदारी के साथ वह अपनी नेटवर्क क्षमता को बढ़ाना चाहती है.

स्पेक्ट्रम नीलामी पर सबकी नजर All eyes on spectrum auction

माना जा रहा है कि आगामी नीलामी को सामान्य प्रतिक्रिया मिलेगी, और इंडस्ट्री एक्सपर्ट का मानना है कि करीब 3.92 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम के लिए बोली (Spectrum Auction) 30,000 करोड़ रुपये से 50,000 करोड़ रुपये के बीच रह सकती है. आगामी नीलामी में 5जी सर्विस का सपोर्ट करने वाले स्पेक्ट्रम बैंड शामिल नहीं हैं, जो आने वाले वक्त में एआई जैसी उभरती तकनीकी में खास भूमिका निभा सकती है. कोरोना वायरस महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था के ज्यादातर क्षेत्र थम गए थे और ऐसे में दूरसंचार सेवाओं के व्यापक प्रसार और सस्ते डेटा के चलते ही देश को लॉकडाउन से उबरने में मदद मिली.

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