मोबाइल के रेट में बढ़ोतरी हो सकती है. क्‍योंकि सरकार ने इसके डिस्प्ले के इम्‍पोर्ट पर 10 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है. इससे मोबाइल फोन के दाम 3 प्रतिशत तक बढ़ सकते है. इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के मुताबिक डिस्प्ले असेंबली और टच पैनल पर यह शुल्क 1 अक्टूबर से लगाए जाने का प्रस्ताव था.

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2016 में Phased manufacturing program (PMP) के तहत उद्योग के साथ सहमति में इसे लगाने का प्रस्ताव किया गया था. ICEA के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महेंद्रू के मुताबिक इससे मोबाइल फोन की कीमतों में डेढ़ से 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी. अनुमान के मुताबिक 10 हजार रुपए तक के मोबाइल फोन की कीमत 300 रुपए तक बढ़ सकती है.

ICEA के सदस्यों में Apple, Huawei, Xiaomi, Vivo और विंस्ट्रॉन जैसी कंपनियां शामिल हैं. पीएमपी का उद्देश्य कलपुर्जों (Spare parts) की घरेलू मैन्‍युफैक्‍चरिंग को प्रोत्साहन देना और उसके बाद इनके आयात को घटाना है.

महेंद्रू ने कहा कि कोविड-19 महामारी और नेशनल ग्रीन ट्रिब्‍यूनल (NGT) के ‘एम्बार्गो’ की वजह से उद्योग डिस्पले असेंबली के उत्पादन को पर्याप्त मात्रा में बढ़ा नहीं पाया. इसमें उद्योग उम्मीद के मुताबिक आगे नहीं बढ़ पाया. हम कलपुर्जों की घरेलू मैन्‍युफैक्‍चरिंग करना चाहते हैं. हालांकि, अब हमारा ध्यान वैश्विक बाजार में बड़ा हिस्सा हासिल करने पर है, सिर्फ आयात की ही भरपाई करने पर नहीं.

वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल प्रवर्तित वोल्कॉन इन्वेस्टमेंट्स ने ट्विनस्टार डिस्प्ले टेक्नोलॉजीज के नाम से 2016 में देश के पहले एलसीडी मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्‍लांट की स्थापना का प्रस्ताव किया था. इस पर 68,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाना था.

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हालांकि, इस प्रस्ताव को सरकार की मंजूरी नहीं मिली और यह परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई. महेंद्रू ने कहा कि आईसीईए जल्द डिस्प्ले सिस्‍टम पर रिपोर्ट लेकर आएगी.