माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और सीईओ सत्या नडेला ने बुधवार को ऐलान किया कि कंपनी निकट भविष्य में एआई के क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन की कमी की पूर्ति करने के लिए दो मिलियन यानी 20 लाख लोगों को प्रशक्षित करेगी. एक कार्यक्रम को संबोधित करते समय नडेला ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे युवाओं के पास पर्याप्त कौशल हो, ताकि वो इस एआई के युग में आगे बढ़ सकें. हमें इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाना होगा.

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नडेला ने कहा, मुझे खुशी है कि हम इस दिशा में अहम भूमिका निभा पा रहे हैं. ऐसा कर हम ना महज युवाओं के कौशल को निखारने का काम करेंगे, बल्कि इससे आगामी दिनों में नौकरियों के नए-नए द्वार भी खुलेंगे. उन्होंने कहा कि भारत में सबसे अच्छे सॉफ्टवेयर डेवलपर हैं और माइक्रोसॉफ्ट के स्वामित्व वाले डेवलपर प्लेटफॉर्म जीथब पर एक मजबूत एआई इंजीनियरिंग समुदाय है, जो अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. वहींं, ग्रामीण भारत में भी लोग अब एआई अर्थव्यवस्था में हिस्सा ले रहे हैं.

नडेला ने कहा, यह भारत जैसे देश में बहुत रोमांचक है, जहां बुनियादी विज्ञान-संचालित उद्योगों में इतना अधिक निवेश और इतनी पूंजी है कि वास्तव में भारत को छलांग लगाने में मदद मिल सके. यहां तक ​​कि वैज्ञानिक क्रांति भी बहुत रोमांचक होगी. उन्होंने कहा कि एआई-प्रथम स्टार्ट-अप और दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों के बढ़ते उपयोग को देखते हुए, माइक्रोसॉफ्ट संपूर्ण डेटा और तकनीकी स्टैक में एआई की शक्ति को एकीकृत कर रहा है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी दौरे के दौरान नडेला समेत अन्य बिग टेक सीईओ से मुलाकात की थी.वहीं, प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद नडेला की ओर से बयान भी जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि एक महत्वपूर्ण विषय भारतीयों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए प्रौद्योगिकी, विशेष रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शक्ति थी. भारत दुनिया में सबसे जीवंत डेवलपर और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक है और माइक्रोसॉफ्ट भारतीय प्रौद्योगिकी के विकास के लिए प्रतिबद्ध है जो भारत और दुनियाभर के बाजारों को प्रभावित करेगा.