सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने अपने उपभोक्ताओं को विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के पुराने वर्जन को अपडेट करने की बात कही है. कंपनी का कहना है कि अपने महत्वपूर्ण डाटा एवं कंप्यूटर सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए यह जरूरी है. दरअसल विंडोज एक्सपी और सर्वर-2003 पहले ही आउट ऑफ सपोर्ट हैं. माइक्रोसॉफ्ट अगले साल से विंडोज-7 का स्पोर्ट भी खत्म करने जा रही है. कंपनी ने इस संबंध में ब्लॉग के जरिए बताया कि पुराने विंडो के इस्तेमाल से भविष्य में वायरस कंप्यूटर व डाटा को नुकसान पहुंचा सकता है, जिस तरह से वर्ष 2017 में वानाक्राई मालवेयर का असर दुनियाभर में देखा गया.

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कंपनी ने सिक्योरिटी का ऐसा तरीका अपनाया है ताकि साइबर क्राइम करने वाला कोई भी व्यक्ति वायरस उत्पन्न कर डाटा या सिस्टम को कोई नुकसान न पहुंचा सके और विंडो ऑपरेटिंग सिस्टम सही तरीके से काम करता रहे. कंपनी ने पोस्ट लिखकर विंडो अपडेट करने संबंधित बात दोहराते हुए कहा कि चाहे एनएलए (नेटवर्क लेवल ऑथेंटिकेशन) लागू है या नहीं, मगर विंडो अपडेट जल्द से जल्द कर लें. हालांकि, कंपनी ने यह स्पष्ट किया कि विंडो-8 और विंडो-10 में दिक्कत नहीं आएगी.

माइक्रोसॉफ्ट एक्सपी और विंडोज-2003 जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम को स्पोर्ट बंद चुकी है, हालांकि इसके बावजूद इसे बड़ी संख्या में लोग इस्तेमाल कर रहे हैं. माइक्रोसॉफ्ट ने कहा है कि पुराने विंडोज का इस्तेमाल कर रहे लोगों को विंडोज 10 में अपडेट कर लेना चाहिए. माइक्रोसॉफ्ट ने बताया है कि पुराने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को कोई बग नुकसान पहुंचा सकता है. माइक्रोसॉफ्ट ने किसी खास जोखिम के बारे में नहीं बताया है, लेकिन कहा है कि पुराने डेस्कटॉप और पुराने विंडोज पर आने वाले दिनों में हमला हो सकता है.

एक अनुमान के मुताबिक करीब 3-4 प्रतिशत पीसी में पुराने विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता है. इसका मतलब है कि करोड़ लोग अभी भी विंडोज एक्सपी का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से ज्यादातर ऐसी औद्योगिक इकाइयां, अस्पताल और कारोबार हैं, जहां उनकी एप्लीकेशन नए ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम नहीं करती हैं.