Refurbished Smartphones: कोरोनावायरस महामारी (CoronaVirus Pandemic) के चलते जारी लॉकडाउन (Lockdown) से मार्केट में बदलाव देखने को मिलेंगे. ऐसा ही एक नया ट्रेंड आने वाले समय में रिफ़र्बिश्ड स्मार्टफ़ोन (Refurbished Smartphones) के मामले में देखने को मिल सकता है. इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि भारत में रिफ़र्बिश्ड स्मार्टफ़ोन (अपडेट किया पुराना स्मार्टफोन) की तेज डिमांड होगी. उनका कहना है कि करीब 50 प्रतिशत फीचर फोन की हिस्सेदारी वाला मार्केट अब धीरे-धीरे एंट्री लेवल के स्मार्टफोन की तरफ शिफ्ट होगा. इसमें 5 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपये के रेंज में कंज्यूमर को सैमसंग, एप्पल, ओप्पो, शाओमी, रीयलमी और दूसरे कई ब्रांड के रिफ़र्बिश्ड स्मार्टफ़ोन अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं.

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4 करोड़ एंट्री लेवल स्मार्टफोन की होगी डिमांड

रिफ़र्बिश्ड सेगमेंट की कंपनी प्रीलव्ड डिवाइस (Preloved Device) के फाउंडर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) योगेश भाटिया (Yogesh Bhatia) ने जी बिजनेस (Zee Business) से बातचीत में कहा कि इस लॉकडाउन में एक नई डिमांड जेनरेट होने जा रही है. दरअसल लॉकडाउन में बच्चे गैजेट्स के जरिये ई-लर्निंग कर रहे हैं. ऐसे में आने वाले समय में बिना गैजेट्स के काम नहीं चल सकेगा.

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन हटने के बाद देश में इसी महीने करीब 4 करोड़ एंट्री लेवल पर न्यू स्मार्टफोन की डिमांड होगी. भाटिया कहते हैं कि जो कंज्यूमर फीचर फोन पर थे, लॉकडाउन की वजह से उन्हें अब स्मार्टफोन पर शिफ्ट होना पड़ेगा, क्योंकि उनकी जरूरत अब फीचर फोन से पूरी नहीं हो सकेगी.

(रॉयटर्स)

कम पैसे में ज्यादा जरूरत को करेगा पूरा

जानकारों का कहना है कि लॉकडाउन के बाद फीचर फोन के कंज्यूमर जरूरत को पूरी करने के लिए एंट्री लेवल स्मार्टफोन खरीदेंगे. बजट कम होने की वजह से वह नए स्मार्टफोन की जगह रिफ़र्बिश्ड स्मार्टफ़ोन (Refurbished Smartphones) का रुख करेंगे. साथ ही जिसके पास बिल्कुल साधारण फोन था, वह अपनी जरूरत के लिए दूसरे स्मार्टफोन की जरूरत महसूस करेगा.

बजट न होने और अपनी जरूरत को पूरी करने के लिए उसके पास रिफ़र्बिश्ड स्मार्टफ़ोन एक बेहतर ऑप्शन होगा. जानकारों के मुताबिक, नए स्मार्टफोन की कीमत के मुकाबाले रिफ़र्बिश्ड स्मार्टफ़ोन की कीमत 35 से 40 प्रतिशत तक कम होती है.

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ई-वेस्ट में आएगी कमी

रिफ़र्बिश्ड स्मार्टफ़ोन में तेज डिमांड से देश में ई-वेस्ट में काफी कमी आएगी. भाटिया कहते हैं कि भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा ई-वेस्ट में पर्सनल डिवाइसेस की हिस्सेदारी हैं. ऐसे में रिफ़र्बिश्ड स्मार्टफ़ोन ई-वेस्ट को कम करने में काफी मददगार होंगे.