Data Leak from Social Media Apps: आप भी चिंतित हैं कि कहीं आपका डेटा तो लीक नहीं हो रहा है. तो आपकी इस चिंता को कम करने के लिए एक वेबसाइट है. हाल ही में लाखों लोगों का डेटा चोरी हुआ है, जिनमें ज्यादातर मोबाइल नंबर थे.

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'Have i been pwned' नाम की एक वेबसाइट है. जिसमें आपना Email या Phone Number डालकर आप पता कर सकते हैं कि कहीं आपका डेटा तो चोरी नहीं हुआ. पहले यूजर्स केवल इस प्लेटफॉर्म पर इमेल एड्रेस से सर्च कर सकते थे.

अब इस वेबसाइट पर आपका मोबाइल नंबर भी सर्च बॉक्स में दर्ज किया जा सकता है. और यह वेबसाइठ वेरिफाई करेगी कि आपकी जानकारी इस लीक डेटाबेस में मौजूद है या नहीं.

Facebook अपनी प्राइवेसी को लेकर लगातार चर्चा में बना रहता है. हाल ही में एक ऐसा खबर सामने आई है जिसने यूजर्स को सकते में डाल दिया है. रिपोर्ट के अनुसार, Facebook के 533 मिलियन यानी करीब 53.30 करोड़ यूजर्स का निजी डाटा हैकर्स फोरम पर लीक किया गया है. यह डाटा करीब 106 देशों के यूजर्स का बताया जा रहा है.

साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि Facebook के इतिहास के यह सबसे बड़ा डाटा ब्रीच है. रिपोर्ट के अनुसार, Facebook के यूजर्स का हैक किया गया सभी डाटा ऑनलाइन फ्री में उपलब्ध करवाया गया था. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस डाटा लीक में 106 देशों के Facebook यूजर्स का डाटा शामिल है जिनमें 32 मिलियन डाटा अमेरिकी यूजर्स, 11 मिलियन ब्रिटेन के यूजर्स और 6 मिलियन भारतीय यूजर्स के डाटा शामिल हैं. इस निजी डाटा में यूजर्स की जन्म तिथि, पूरा नाम, बायो, लोकेशन और ई-मेल आदि शामिल हैं.

आपको बता दें, कुछ दिनों पहले भारत में डेटा लीक की एक बड़ी खबर सामने आई थी. जिसमें लगभग 9.9 करोड़ भारतीयों का डेटा लीक हुआ था. हैकरों ने दावा किया है था कि उन्होंने मोबिक्विक के 9.9 करोड़ भारतीय यूजर्स का डेटा (MobiKwik users data hack) उड़ा लिया है. इनमें इन लोगों के मोबाइल फोन नंबर, बैंक खाते का ब्योरा, ई-मेल और क्रेडिट कार्ड नंबर (Mobile phone number, bank account details, email and credit card number) शामिल हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक, हालांकि, भुगतान कंपनी ने इसका जोरदार खंडन किया है. साइबर सुरक्षा विश्लेषक राजशेखर राजहरिया ने इस डेटा लीक का खुलासा किया है.

एक हैकर समूह जॉर्डनेवन ने डाटाबेस का लिंक भी ई-मेल किया (also e-mailed a link to the database)

खबर के मुताबिक, उन्होंने इस बारे में भारतीय रिजर्व बैंक, इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम, पीसीआई मानक और भुगतान टेक्नोलॉजी कंपनियों को भी लिखित में सूचित किया है. एक हैकर समूह जॉर्डनेवन ने डाटाबेस का लिंक भी ई-मेल किया है. इस समूह ने कहा है कि उसका इरादा इस डेटा का इस्तेमाल करने का नहीं है. समूह ने कहा कि उसका इरादा सिर्फ कंपनी से पैसा लेने का है. उसके बाद वह अपनी ओर से इस डेटा को ‘डिलीट’ कर देगा.

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