डिजिटल दुनिया में आज हम हर एक किस्म के काम ऑनलाइन कर रहे हैं.  डाटा ट्रांसफर या रिसीव करना हो या अन्य किसी तरह का वेरिफिकेशन. हम अपनी कई निजी जानकारी ऑनलाइन अपलोड कर देते हैं. जैसे कि पैन कार्ड की डिटेल्स या हमारे फोटो आदि. अगर ऐसा करने से पहले वेबसाइट की जांच ना की जाए तो हमारी जानकारी का गलत उपयोग भी हो सकता है. 

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1.  कनेक्शन टाइप चेक करें. 

इसे समझने के लिए आपको बहुत ज्यादा रिसर्च की जरूरत नहीं बस आपको वेब एड्रैस में देखना चाहिए कि शुरुआत में "HTTP'" लिखा है या फिर "HTTPS". 

दरअसल "HTTPS" साइट सिक्योर साइट होती हैं. "HTTP" वेबसाइट यानि कि “hypertext transfer protocol” ऑन डिमांड कनेक्शन बनाती है लेकिन ये वेबसाइट आपके कनेक्शन को सुरक्षित करने में समय नहीं लेती जिसकी वजह से आपका डाटा सेफ नहीं रहता. 

जबकि "HTTPS" Secure Sockets Layer (SSL) या फिर Transport Layer Security (TLS) का उपयोग करते हुए आपके कनेक्शन को एंक्रीप्ट करती है, जिसका मतलब ये हुआ कि ट्रांसफर किया हुआ डाटा आपके और रिसीविंग पार्टी के बीच ही रहेगा. इसे कोई और स्कैमर रीड नहीं कर सकता है. 

 

2. पैड लॉक द्वारा

वेबसाइट कि सिक्योरिटी चैक करने का एक तरीका है कि आप पैड लॉक आइकॉन पर क्लिक करें यहां आपको कनेक्शन से जुड़ी सारी जानकारी मिल जाएगी. जैसे कि कनेक्शन सिक्योर है या नहीं आदि. 

3. URL को ध्यान से चेक करें

सिर्फ "HTTPS" लिखा होना या फिर पैड लॉक का साइन होना ही काफी नहीं है, ध्यान से देखें कई बार नकली वेबसाइट असली दिखने के लिए कुछ अतिरिक्त शब्द या सिंबल उपयोग करते हैं. पहली नजर में आप ये पकड़ नहीं पाते इसलिए जरूरी है कि पूरी वेबसाइट को आप ध्यान से पढ़ें. 

4. वेबसाइट का कंटेंट देखें

असली वेबसाइट जांचने के लिए आप वेबसाइट के पेज पर कंटेंट की क्वालिटी भी जांचे. जैसे कि फोटो किस क्वालिटी में, वेबसाइट पर लिखे कंटेंट की भाषा पढ़ कर भी समझ सकते हैं. 

5. गूगल की मदद लें

Google Safe Browsing Transparency Report आपको असली और नकली वेब एड्रैस की पहचान में काफी मदद करता है. यहां जाकर आपको सिर्फ वेब एड्रैस को पेस्ट करना है और गूगल स्कैन करके आप को बताएगा कि वेब एड्रैस असली है या नहीं.