आरोग्य सेतु ऐप कई दिनों से चर्चा में है. आलम ये है कि सरकार को सामने आकर सफाई देनी पड़ी कोरोना से बचाने वाला ये ऐप NIC और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मिलकर तैयार किया. सरकार ने साफ किया कि ऐप में कोई गड़बड़ नहीं है और इसे बेहद पारदर्शी तरीके से तैयार किया गया है.

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दरअसल, ये सारी सफाई एक आरटीआई के जवाब में आई है, जिसमें NIC ने कहा था कि आरोग्य सेतु ऐप बनाने वाले की की जानकारी उसे नहीं है. ये पहला मौका नहीं है जब आरोग्य सेतु ऐप पर सवाल उठे हैं. पहले भी इस पर डाटा के गलत इस्तेमाल और जासूसी के आरोप लगते रहे हैं.

क्या है ताजा मामला

दरअसल, किसी ने सूचना के अधिकार के तहत आरोग्य सेतु ऐप को बनाने वाली कंपनी और इसके कामकाज को लेकर जानकारी मांगी. इस सवाल के जवाब में नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेंटर यानी NIC,नेशनल ई-गवर्नेंस डिविजन (NeGD) और मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने बताया कि उनके पास इस ऐप को बनाने वाले की जानकारी नहीं है.

इस जवाब के बाद बखेड़ा खड़ा हो गया. चर्चा होने लगी कि जो ऐप अबतक करोड़ों देशवासियों को कोरोना से बचा चुका हो, जिस ऐप की तारीफ खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व बैंक समेत समेत दुनियाभर के कई बड़े संगठन कर चुके हों, उसे किसने बनाया, इस बात का जवाब ही सरकार के पास नहीं है.

केंद्रीय सूचना आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री, नेशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर, सेंट्रल पब्लिक इन्फार्मेशन अफसर और नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन को नोटिस जारी कर पूछा कि जिस ऐप का इस्तेमाल देश में करोड़ों लोग कर रहे हैं, उसके बारे में साफ जवाब क्यों नहीं दिया गया.

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आयोग ने ये भी पूछा कि जब आपको ये नहीं पता कि इसे किसने बनाया है तो इसकी वेबसाइट पर GOV.IN कैसे लग गया. सूचना आयोग ने सरकार और दूसरी एजेंसियों से ये भी पूछा कि ऐप पर जानकारी न देने पर क्यों न उन पर जुर्माना लगाया जाए.

नोटिस के जवाब में MyGov और डिजिटल इंडिया के CEO अभिषेक सिंह ने बताया कि NIC और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने आरोग्य सेतु को विकसित और डिजाइन किया है. सरकार की तरफ से उन्होंने बताया कि ऐप को पब्लिक प्राइवेट मोड पर रिकॉर्ड 21 दिनों में तैयार किया गया. इसमें किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं है और ये पूरी तरह से पारदर्शी है. उन्होंने बताया कि 2 अप्रैल से लगातार इस ऐप को लेकर के अपडेशन और प्रेस रिलीज शेयर की जा रही हैं. इसका सोर्स कोड भी ओपन डोमेन में डाला गया है.

आरोग्य सेतु ऐप का विवादों से पुराना नाता रहा है. ढेरों खासियतों के बावजूद इस पर प्राइवेसी, डाटा चोरी और जासूसी जैसे आरोप लग चुके हैं.

सरकार साफ करती रही है कि आरोग्य सेतु पूरी तरह सुरक्षित है और इसे कोरोना काल में एक कारगर हथियार के तौर पर डेवलप और डिजाइन किया गया. सुरक्षा और निजता के मामले में भी ये काफी मजबूत है.