अगर आप कॉल ड्रॉप और स्लो इंटरनेट कनेक्शन से परेशान हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. आईआईटी बॉम्बे के अध्यापकों ने एक ऐसा उपाए खोजा है, जिसकी मदद से इस समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकेगा. आईआईटी बॉम्बे के प्राध्यापक प्रसन्ना चापोकर, अभय करंदिकर और अरघदीप रॉय ने दो एल्गोरिदम प्रस्तावित किए हैं, जो डेटा की स्पीड तेजी ला सकते हैं और हेटनेट्स की मदद से कॉल ड्रॉप को काफी कम कर सकते हैं. सेलुलर और वाई-फाई नेटवर्क के संयोजन को हेटनेट्स कहते हैं.

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इसके तहत एक ऐसे केंद्रीय नियंत्रक, जो प्रत्येक सेल टावर और वाई-फाई एक्सेस प्वाइंट पर नजर रखेगा, उसकी मदद से डेटा और वॉयर कॉल के बेहतर प्रबंधन को सुनिश्चित किया जाएगा. इसके तहत डेटा सर्विसेज का बेस्ट उपयोग किया जाएगा ताकि सेल टावर पर दबाव कम किया जा सके. प्रो प्रसन्ना चापोकर ने रिसर्च मैटर्स को बताया, 'हमारा लक्ष्य ऐसी युक्ति खोजना है, जो सिस्टम का अधिकतम उपयोग करती हो. इस तरह प्रत्येक उपयोगकर्ता सर्वोत्तम डेटा दर प्राप्त कर पाएगा साथ ही वॉयस कॉल ड्रॉप भी तय सीमा के भीतर रहेगी.'

इस शोध के तहत शोधकर्ता नेटवर्क में उपकरणों के लिए वाई-फाई और सेलुलर डेटा के बीच चयन करने के लिए दो तेज और कुशल एल्गोरिदम का प्रस्ताव दिया गया है. वॉयस कॉल के लिए एक सही चैनल क्षमता की आवश्यकता होती है. यदि यह उपलब्ध नहीं है, तो कॉल ड्रॉप हो सकती है. यह आशंका सेलुलर नेटवर्क के सेल में यूजर्स की संख्या बढ़ने के साथ बढ़ जाती है. इस प्रकार, जब कोई यूजर नेटवर्क में आता है या छोड़ देता है, तो केंद्रीय नियंत्रक को चैनल क्षमता को फिर से आवंटित करने की आवश्यकता होती है. इस प्रक्रिया में उपयोगकर्ता को सेलुलर डेटा कनेक्शन से वाई-फाई कनेक्टेड डेटा में ले जाया जा सकता है. यह विधि 5जी नेटवर्क में खासतौर से कारगर हो सकती है.