Facebook Metaverse: सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी फेसबुक अपने मेटावर्स (Facebook Metaverse) की दुनिया बनाने के लिए इस साल 10 बिलियन डॉलर से अधिक खर्च करेगी. यह फेसबुक का वर्चुअल और ऑगमेंट रियल्टी (VR/AR) जैसी तकनीकों का उपयोग करके एक नए वर्चुअल एक्सपीरिएंस का नया चरण होगा.

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कंपनी अपने फेसबुक रियल्टी लैब्स पर अरबों डॉलर खर्च करेगी, जिसे इस मेटावर्स डिवीजन ने AR और VR हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और कंटेंट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है.

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कंपनी ने अपने तीसरी तीमाही की आय विज्ञप्ति (Earnings Release) में कहा, "हम इस लॉन्ग टर्म विजन को हकीकत में बदलने को लेकर प्रतिबद्ध हैं और हम अगले कई वर्षों तक इसके लिए निवेश करने की उम्मीद करते हैं"

कंपनी ने किया है AR और VR में भारी निवेश

फेसबुक AR और VR को अगली पीढ़ी के ऑनलाइन सोशल एक्सपीरिएंस के मूल के रूप में देखता है. Facebook ने AR और VR तकनीकों में भारी निवेश किया है. कंपनी ने मेटावर्स पर काम करने के लिए एक प्रोडक्ट टीम बनाई है, जिसके लिए इस साल ओकुलस जैसी कंपनियों को खरीदा गया है.

Facebook के सीईओ मार्क जुकरबर्ग भी पिछले कई महीनों से मेटावर्स की बात कर रहे हैं. वहीं इसी महीने के शुरुआत में फेसबुक ने अपने सोशल नेटवर्क को मेटावर्स बनाने में मदद करने के लिए 10 हजार लोगों को काम पर रखने की घोषणा की थी.

क्या है मेटावर्स

फेसबुक ने पिछले महीने सबसे पहले अपने मेटावर्स (Facebook metaverse) बनाने की अपनी योजना बताई है. मेटावर्स शब्द का इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में वर्चुअल, इंटरेक्टिव स्पेस को समझाने के लिए किया जाता है. मेटावर्स दरअसल एक वर्चुअल दुनिया है, जहां एक आदमी फिजिकली मौजूद नहीं होते हुए भी मौजूद रह सकता है. इसके लिए वर्चुअल रियल्टी की इस्तेमाल किया जाता है. 

10 हजार लोगों को देगी नौकरी

 

फेसबुक ने इस महीने की शुरुआत में सोशल नेटवर्क को मेटावर्स बनाने में मदद करने के लिए 10,000 लोगों को काम पर रखने की घोषणा की. इस नए मेटावर्स में फेसबुक वर्चुअल एंड ऑगमेंटेड रियल्टी (VR/AR) का इस्तेमाल करके एक नया वर्चुअल एक्सपीरिएंस का एक नया अध्याय शुरू करने जा रही है.