सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) ने पिछले दिनों अपनी डिजिटल करेंसी (Digital Currency) लिब्रा (Libra) लॉन्च करने की घोषणा की थी. फेसबुक का दावा है कि लिब्रा को न केवल ग्लोबली इस्तेमाल किया जाएगा बल्कि, इसे ई-कॉमर्स को बढ़ावा मिलेगा और विज्ञापनों के जरिए ज्यादा कमाई के मौके भी मिलेंगे. 

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Facebook ने डिजिटल करेंसी Libra के लिए पेपाल, Uber, स्पॉटिफाई, Vodafone समेत 28 कंपनियों के साथ पार्टनरशिप की है. 

Libra को लॉन्च करने में Facobook लगातार काम कर रहा है. फेसबुक ने करेंसी की गवर्निंग बॉडी भी तैयार की है और इसके लिए एक काउंसिल भी बना ली है. लिब्रा के लिए नॉन प्रॉफिट असोसिएशन (Libra Association) के 21 सदस्यों के नाम पर आधिकारिक रूप से हस्ताक्षर कर दिए. Libra Association ने कहा कि डिजिटल करेंसी के लिए 21 कंपनियों के अलावा 180 दूसरी फर्म्स और कंपनियों ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है.

फिलहाल फेसबुक इसके प्राइवेसी को लेकर कानूनी प्रकिया से गुजर रही है। डेटा प्राइवेसी के विवादों को पहले से झेल रही फेसबुक अब करेंसी बनाने जा रही है जिससे बैंक, नेशनल करंसी और यूजर्स की प्राइवेसी को खतरा हो सकता है। हालांकि फेसबुक का कहना है कि यह यूजर की बैंकों डिटेल और पेमेंट संबंधित सारी जानकरियों को सुरक्षित रखेगा।

फेसबुक का कहना है कि उनकी यह डिजिटल करेंसी लिब्रा, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर काम करेगी. इस के जरिए लोग पैसों का ट्रांजेक्शन कर सकेंगे, पैसे का लेन-देन आसानी से कर सकेंगे. 

आम आदमी भी इस्तेमाल करेगा Libra

Facebook का कहना है कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अगले साल तक आम लोगों के लिए जारी कर दिया जाएगा. Blockchain को फेसबुक के सभी प्लेटफार्म मैसेंजर, WhatsApp और इंस्टाग्राम से इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसमें यूजर का डेटा तो महफूज होगा.

Libra का फायदा-

फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सऐप पर पैसों का लेन-देन किया जा सकेगा.

डिजिटल वॉलेट ऐप से डिजिटल करेंसी के ट्रांजेक्शन ट्रैक किया जा सकेगा.

डिजिटल करेंसी के ट्रांजेक्शन पर कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं लगेगा. 

क्रिप्टोकरेंसी के रूप में लोग लिब्रा को खरीद व बेच सकेंगे. 

इसे ट्रेडिशनल करेंसी जैसे रुपया, डॉलर से एक्सचेंज भी कर सकेंगे. 

डिजिटल करेंसी

डिजिटल करेंसी को ही क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं. इस मुद्रा को आप रुपये या डॉलर की तरह देख या छू नहीं सकते. क्रिप्टोकरेंसी को प्रिंट नहीं किया जाता. यह एक आभासी मुद्रा होती है, जिसे बस महसूस किया जा सकता है और इसे ट्रांजेक्शन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह स्वतंत्र करेंसी होती है. कोई सरकार या बैंक इसका मालिक नहीं होता है. हालांकि इसका इस्तेमाल सामान या सर्विस की खरीद-फरोख्त के लिए किया जा सकता है. 

 

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भारत में है बैन

कुछ समय पहले क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन काफी चर्चा में आई थी. भारत में इसकी चर्चा नहीं होती है क्योंकि, भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाया हुआ है. क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के मसौदे के प्रस्ताव के मुताबिक, देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी.