Delhi High Court slam twitter: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने मंगलवार को ट्विटर (Twitter ) को उसके रवैये पर खूब खरी-खोटी सुनाया. दरअसल,  सरकार द्वारा निर्धारित किए गए आईटी नियमों  (IT Rules) का पालन नहीं करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने ट्विटर (Twitter ) को  जमकर फटकार लगाई है.  ट्विटर (Twitter) द्वारा अब तक रेजिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर (स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी) की नियुक्ति नहीं की गई है. जिस वजह से दिल्ली हाईकोर्ट में सरकार को ट्विटर के खिलाफ एक हलफनामा दायर करना पड़ा था. 

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ट्विटर (Twitter) की मनमानी पर कोर्ट ने कहा, “21 जून को अधिकारी के हटने के बाद आपको उनकी जगह दूसरे की नियुक्ति कर देनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया. इस काम के लिए आपको और कितने समय की जरूरत पड़ेगी. अगर आप इस गलतफहमी में हैं कि भारत में आप जितना चाहे उतना समय ले सकते हैं और आपसे कोई सवाल नहीं करेगा तो आपको कोर्ट इसकी इजाजत नहीं देगा.” वहीं हाईकोर्ट में ट्विटर की ओर से पेश वकील ने कहा कि ग्रीवांस अफसर की नियुक्ति प्रकिया जल्द से जल्द पूरा होने के कगार पर है. 

ट्विटर (Twitter ) को आठ जुलाई तक दिया गया समय

हाईकोर्ट ने ट्विटर को आठ जुलाई तक यह बताने का आदेश दिया है कि नए आईटी नियमों के लिए रेजिडेंट ग्रेवांस ऑफिसर की नियुक्ति कब तक की जाएगी. इससे पहले केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को अपने एफिडेविट में बताया था कि ट्विटर ने क्रिमिनल प्रॉसिक्यूशन से अपनी इम्यूनिटी को खो दिया है. सरकार ने आरोप लगाया कि ट्विटर ने नए आईटी रूल्स का पालन ना करते हुए ग्रीवेंस रिड्रेसल ऑफिसर्स को अप्वॉइंट नहीं किया है इस वजह से ट्विटर ने अपनी इम्यूनिटी को खो दिया है.

सरकार ने ट्विटर पर लगाया था मनमानी करने का आरोप

दिल्ली हाई कोर्ट को दिए हलफनामे में सरकार ने कहा था कि ट्विटर ने 1 जुलाई तक आईटी नियम 2021 का पालन करने में बुरी तरह से नाकाम रहा है. केंद्र के मुताबिक, “कोई भी गैर-अनुपालन आईटी नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन है, जिससे ट्विटर को आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 79 (1) के तहत प्रदत्त प्रतिरक्षा (Immunity Conferred) खोना पड़ेगा.” बता दें कि पिछले कुछ समय से ट्विटर (twitter) और केंद्र सरकार (central goverment) के बीच लगातार बहस हो रही है.