केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को दिया हलफनामा, Twitter पर लगाया नए आईटी नियमों का पालन नहीं करने का आरोप
नए आईटी नियमों को न मानने की जिद पर अड़े ट्विटर पर सरकार लगातार लगाम लगाने की कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को अपने एफिडेविट पेश किया.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (twitter) और केंद्र सरकार (central goverment) के बीच तकरार जारी है. भारत में पिछले कुछ समय से ट्विटर और सरकार के बीच जोरदार बहस हो रही है. नए आईटी नियमों को न मानने की जिद पर अड़े ट्विटर पर सरकार लगातार लगाम लगाने की कोशिश कर रही है. केंद्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट को अपने एफिडेविट में बताया कि ट्विटर ने क्रिमिनल प्रॉसिक्यूशन से अपनी इम्यूनिटी को खो दिया है.
सरकार ने आरोप लगाया कि ट्विटर ने नए आईटी रूल्स का पालन ना करते हुए ग्रीवेंस रिड्रेसल ऑफिसर्स को अप्वॉइंट नहीं किया है इस वजह से ट्विटर ने अपनी इम्यूनिटी को खो दिया है. दिल्ली हाई कोर्ट को दिए हलफनामे में सरकार ने कहा कि ट्विटर ने 1 जुलाई तक आईटी नियम 2021 का पालन करने में बुरी तरह से नाकाम रहा है.
Twitter पर आईटी नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप
केंद्र के मुताबिक, “कोई भी गैर-अनुपालन आईटी नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन है, जिससे ट्विटर को आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 79 (1) के तहत प्रदत्त प्रतिरक्षा (Immunity Conferred) खोना पड़ेगा.”इसके साथ ही केंद्र सरकार ने ट्विटर का इंटरमीडियरी यानि मध्यस्थ का दर्जा खत्म कर दिया है.इससे पहले ट्विटर संसदीय समिति के सामने भी अपनी बात को साबित करने में विफल रहा है.
कोरोना का हवाला देते हुए ट्विटर ने मांगा था सरकार से वक्त
बता दें कि भारत सरकार ने नए IT नियमों को लागू और पालन करने लिए के लिए माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर (Twitter) को अंतिम नोटिस दिया है. इसके जवाब में ट्विटर ने कहा है कि वो सभी नियमों का पालन करेगा, लेकिन उसके लिए उसे देश में फैली कोरोना महामारी के चलते थोड़ा और वक्त चाहिए. इसके बाद सरकार ने Twitter को आखिरी मौका दिया था कि अगर उसने नए नियमों का पालन नहीं किया, तो उस पर एक्शन लेने की बात कही थी.