5G trial in India: दूरसंचार विभाग (DoT) ने 5जी नेटवर्क परीक्षण (5G trial in India) के लिए दूरसंचार कंपनियों (Telecom companies) के एप्लीकेशन को मंजूरी दे दी. हालांकि, इसमें कोई भी कंपनी चीनी टेक्नोलॉजी (Chinese Technology) का इस्तेमाल नहीं कर रही है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, दूरसंचार विभाग ने रिलाइंस जियो (Reliance Jio), भारती एयरटेल (Bharti Airtel), वोडाफोन और एमटीएनएल के एप्लीकेशन को इसके लिए मंजूरी दी है. इनमें से कोई भी कंपनी चीनी कंपनियों की तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर रही है.

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बीएसएनएल भी जल्द देगी एप्लीकेशन (BSNL will also give applications soon)

खबर के मुताबिक, दूरसंचार विभाव सचिव अंशु प्रकाश ने कहा कि ये ट्रायल 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी (5G spectrum auction) और नेटवर्क बहाल करने के समय के अंतर को कम करेगा. इससे पहले नीलामी के बाद परीक्षण हुआ था. इस बार समय का लाभ मिलेगा और दूरसंचार ऑपरेटर 5जी नेटवर्क के लिए पहले से तैयार होंगे. इससे ऑपरेटर अपने विक्रेताओं, टेक्नोलॉजी और उपकरणों के प्रकार का चयन करने में सक्षम होंगे. उन्होंने कहा कि भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) अलग से परीक्षण करेगा और उनका एप्लीकेशन जल्द आएगा.

वोडाफोन आइडिया के प्रस्ताव की अभी समीक्षा (Vodafone Idea proposal reviewed right now)

दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दूरसंचार ऑपरेटरों की तरफ से दिए गए विकल्पों को विभाग ने मंजूरी दे दी है. मावेनीर के साथ साझेदारी में परीक्षण करने के वोडाफोन आइडिया के प्रस्ताव की अभी समीक्षा की जा रही है और उस पर अभी फैसला लिया जाएगा. वोडाफोन आइडिया ने परीक्षेण के लिए तीन एप्लीकेशन जमा किए थे. इस संबंध में हुआवेई (Huawei) को भेजे गए ईमेल का उसने कोई जवाब नहीं दिया.

दस गुना बेहतर डाउनलोड स्पीड मिलेगी (Ten times better download speed)

दूरसंचार विंभाग के अनुसार 5जी तकनीक (5G Technology) 4जी के मुकाबले में दस गुना बेहतर डाउनलोड स्पीड देने और स्पेक्ट्रम क्षमता में तीन गुना तक बेहतर रिजल्ट्स देने में सक्षम है. दूरसंचार विभाग ने 5जी परीक्षण के लिए स्वीकृत दूरसंचार गीयर विनिर्माताओं की सूची में एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग, सी-डॉट और रिलायंस जियो की स्वदेशी रूप से विकसित टेक्नोलॉजीज शामिल हैं. इसका का मतलब है कि चीनी कंपनियां 5जी परीक्षणों का हिस्सा नहीं होंगे.

रिलाइंस जियो खुद की तकनीक का करेगी ट्रायल (Reliance Jio will test its own technology)

विभाग ने कहा कि टेलीकॉम कंपनियों ने एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट जैसे मूल उपकरण विनिर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ करार किया है. जबकि रिलाइंस जियोइंफोकॉम लिमिटेड अपनी खुद की 5जी तकनीक का उपयोग करके यह परीक्षण करेगी. दूरसंचार विभाग का यह कदम इस ओर इशारा करता है कि केंद्र सरकार देश में शुरू होने वाली 5जी दूरसंचार सेवाओं में चीनी कंपनियों को हिस्सा लेने से रोक सकती है.

ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों में भी करना होगा ट्रायल (Trial will also have to be conducted in rural and semi-urban areas)

विभाग ने कहा कि फिलहाल परीक्षणों की अवधि छह महीने की है. इसमें उपकरण की खरीद और स्थापना के लिए 2 महीने की समयावधि शामिल है. इसके अलावा परमिशन लेटर में यह स्पष्ट कहा गया है कि दूरसंचार कंपनियों को 5जी परिक्षण शहरी क्षेत्रों समेत ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी इलाकों में भी करना होगा ताकि 5जी तकनीक का लाभ केवल शहरों में ही नहीं बल्कि देशभर में उठाया जा सके.

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