Mutual Funds: 3 महीने से 1 साल के लिए करना चाहते हैं निवेश, ये म्यूचुअल फंड स्कीम हो सकती हैं बेस्ट
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौर में म्यूचुअल फंड निवेशको का ट्रेंड कुछ बदला है. अगर हालिया ट्रेंड पर नजर डालें तो निवेशकों ने शॉर्ट ड्यूरेशन वाले फंडों पर फोकस बढ़ाया है.
Mutual Funds: कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौर में म्यूचुअल फंड निवेशको का ट्रेंड कुछ बदला है. अगर हालिया ट्रेंड पर नजर डालें तो निवेशकों ने शॉर्ट ड्यूरेशन वाले फंडों पर फोकस बढ़ाया है. AMFI यानी एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल में सबसे ज्यादा निवेश शॉर्ट टर्म में मेच्योर होने वाली स्कीमों में आया है. इनमें ओवरनाइट फंड, अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड, लिक्विड फंड और शॉर्ट ड्यूरेशन फंड शामिल हैं. एक्सपर्ट का भी मानना है कि निवेशक अनिश्चितता की स्थिति में एक ही जगह लांग टर्म के लिए पैसा नहीं फंसाना चाहते हैं. ये अनिश्चितता वाली स्थिति अभी कुछ दिन और बनी रहेगी. ऐसे में बहुत से निवेयाक शॉर्ट टर्म के विकल्प तलाशेंगे.
अप्रैल महीने की बात करें तो लिक्विड फंड में 41,507 करोड़ का नेट इनफ्लो, मनी मार्केट फंड और ओवरनाइट फंड में 20,287 करोड़ और 18,492 करोड़ का नेट इनफ्लो, लो ड्यूरेशन फंड में 9,322 करोड़, शॉर्ट ड्यूरेशन फंड में 1,246.52 करोड़ और अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड में 8919 करोड़ का नेट इनफ्लो आया है.
क्यों तलाश रहे हैं शॉर्ट टर्म वाले विकल्प
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि शॉर्ट टर्म वाली स्कीम में पैसा लगाने का मतलब साफ है कि अभी निवेशक बाजार की स्थिति स्टेबल होने का इंतजार कर रहे हैं. तब तक वे निवेश के ऐसे किल्प तलाश रहे हैं, जहां कम समय में उनका पैसा मेच्योर हो और बचत खाते में रखने की तुलना में बेहतर रिटर्न भी मिल सके. वहीं जब बाजार स्टेबल हो तो वे यहां से पैसा निकालकर वापस इक्विटी की ओर शिफ्ट कर सकें. ऐसे दौर में उनके लिए अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड, लो ड्यूरेशन और शॉर्ट ड्यूरेशन फंड बेहतर हैं. मनी मार्केट और लिक्विड फंड भी विकल्प हैं, जहां 3 महीने के लिए पैसा लगाया जा सकता है.
ये हो सकती हैं बेस्ट स्कीम
शॉर्ट ड्यूरेशन फंड: शॉर्ट ड्यूरेशन फंडों का बीते 1 साल में औसत रिटर्न देखें तो यह करीब 7 फीसदी रहा है. वहीं इनमें अलग अलग स्कीम में डबल डिजिट में रिटर्न दिए हैं.
HSBC शॉर्ट ड्यूरेशन फंड: 15%
प्रिंसिपल शॉर्ट टर्म डेट फंड: 13%
ABSL शॉर्ट टर्म फंड: 10%
निप्पॅन इंडिया शॉर्ट टर्म फंड: 8%
लो ड्यूरेशन फंड: इस कटेगिरी में बीते 1 साल में औसत रिटर्न देखें तो यह करीब 8 फीसदी रहा है. वहीं इनमें अलग अलग स्कीम में 10 से 35 फीसदी तक रिटर्न मिला है.
बड़ोदा ट्रीजरी एडवांटेज फंड: 37%
जेएम लो ड्यूरेशन फंड: 25%
HSBC लो ड्यूरेशन फंड: 13%
L&T लो ड्यूरेशन फंड: 8%
अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड: इस कटेगिरी में बीते 1 साल में औसत रिटर्न देखें तो यह करीब 4 फीसदी रहा है. वहीं इनमें अलग अलग स्कीम में 5 से 8 फीसदी तक रिटर्न मिला है.
फ्रैंकलिन अल्ट्रा शॉर्ट टर्म बांड: 8%
ICICI प्रू अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड: 6%
ABSL सेविंग्स: 5.6%
निप्पॉन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट टर्म फंड: 5.5%
(source: value research)
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