भारतीय शेयर बाजार में इस सप्ताह हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी DII की लिवाली से थोड़ा सहारा मिला, लेकिन बाजार पर ट्रेड वार (Trade War) का साया बना रहा, जिसके कारण सेंसेक्‍स पिछले सप्ताह के मुकाबले गिरावट के साथ बंद हुए. एनएसई का प्रमुख सूचकांक निफ्टी 11,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 37,350 पर रहा. 

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सप्ताह के दौरान बकरीद और स्वतंत्रता दिवस के अवकाश होने के कारण तीन ही दिन कारोबार हुआ. शुक्रवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज यानी BSE के 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक पिछले सप्ताह से 231.58 अंकों यानी 0.62 फीसदी गिरावट के साथ 37,350.33 पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज यानी एनएसई के 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी भी 61.85 अंकों यानी 0.56 फीसदी गिरावट के साथ 11,047.80 पर बंद हुआ.

बीएसई मिडकैप सूचकांक पिछले सप्ताह से 179.15 अंकों यानी 1.31 फीसदी गिरावट के साथ 13,490.90 पर बंद हुआ. वहीं, बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक भी 114.91 अंकों यानी 0.90 फीसदी गिरावट के साथ 12,584.59 पर बंद हुआ.

सप्ताह के आरंभ में सोमवार को बकरीद का त्योहार होने के कारण कारोबार बंद रहा. अगले दिन मंगलवार को विदेशी बाजार से मिले कमजोर संकेतों से घरेलू शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई. सेंसेक्स 623.75 अंकों यानी 1.66 फीसदी गिरावट के साथ 36,958.16 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 183.80 अंकों यानी 1.65 फीसदी गिरावट के साथ 10,925.85 पर बंद हुआ. बुधवार को विदेशी बाजार से मिले मजबूत संकेतों से भारतीय शेयर बाजार में तेजी का माहौल रहा. सेंसेक्स 353.37 अंकों यानी 0.96 फीसदी तेजी के साथ 37,311.53 पर बंद हुआ. निफ्टी भी 103.55 अंकों यानी 0.95 फीसदी तेजी के साथ 111,029.40 पर बंद हुआ.

गुरुवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बाजार बंद रहा. अगले दिन शुक्रवार को भारी उतार-चढ़ाव के बाद सेंसेक्स 38.80 अंकों यानी 0.10 फीसदी तेजी के साथ 37,350.33 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 18.40 अंकों यानी 0.17 फीसदी तेजी के साथ 11,047.80 पर बंद हुआ.

अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वार के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था पर मंदी का साया मड़रा रहा है, लिहाजा निवेशक सावधानी बरत रहे हैं. वहीं, सप्ताह के दौरान हांगकांग में विरोध प्रदर्शन का असर दुनियाभर के शेयर बाजार पर रहा. सप्ताह के आखिर में केंद्र सरकार द्वारा देश की अर्थव्यवस्था की सुस्ती को दूर करने की दिशा में कदम उठाए जाने के संकेत से निवेशकों का मनोबल ऊंचा हुआ. डीआईआई की लिवाली 2,879.63 करोड़ रुपये रही.