स्टील सेक्टर को दबाव से निकालने के लिए क्या चाहिए? स्टील सेक्टर के मौजूदा हालात कैसे हैं? कैसे सरकार इस सेक्टर को दबाव से निकालने में मदद कर सकती है? स्टील सेक्टर पर दिक्कतों और सरकार की तरफ से क्या जरूरी कदम उठाने चाहिए? ज़ी बिज़नेस की एग्जिक्यूटिव एडिटर स्वाति खंडेलवाल के इन सवालों के जवाब टाटा स्टील के मैनेजिंग डायरेक्टर टी.वी. नरेंद्रन ने दिए.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नरेंद्रन से पूछा गया कि सरकार की तरफ डिमांड में तेजी लाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए? इस पर उन्होंने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर में खर्च को कैसे आने वाले महीनों में बढ़ाया जाए, इस पर खास ध्यान देना होगा. क्योंकि स्टील सेक्टर के लिए कंस्ट्रक्शन सबसे बड़ी भूमिका निभाता है. करीब स्टील का 60 प्रतिशत कारोबार कंस्ट्रक्शन से जुड़ा है. कंस्ट्रक्शन में भी इंडस्ट्रियल, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रेसिडेंशियल और कॉमर्शियल सेक्टर शामिल हैं.

उनका कहना है कि इसमें रेसिडेंशियल सेक्टर फिलहाल सॉफ्ट है. लेकिन अभी हम देख रहे हैं कि सस्ते घरों के प्रोजेक्ट्स और आ रहे हैं तो इससे काफी उम्मीदें हैं. कॉमर्शियल सेक्टर भी बुरा नहीं है, क्योंकि कई प्राइवेट इक्विटी इस सेक्टर में आ रहे हैं. इसलिए इसमें विदेशी पूंजी की भी बढ़ोतरी हो रही है. इंडस्ट्रियल भी ठीक है क्योंकि बहुत सारे इन्वेस्टमेंट वेयर हाउसिंग और सप्लाई चेन में हो रही हैं.

इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर सबसे ज्यादा सरकार पर निर्भर करता है. इसमें एक दिक्कत थी कि कई कॉन्ट्रैक्टर को पेमेंट की परेशानी थी. यह सेक्टर कई मायनों में न सिर्फ कंस्ट्रक्शन कंपनी में गतिविधियां बढ़ाएगा, बल्कि ऑटो सेक्टर में पर भी असर डालेगा. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार भी पैदा होंगे.