Adani crisis: अदानी ग्रुप (Adani Group) के शेयरों में गिरावट को लेकर बढ़ते विवाद के बीच मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) ने बड़ा बयान दिया है. सेबी ने कहा कि वह शेयर बाजार में निष्पक्षता, कुशलता और उसकी मजबूत बुनियाद बनाये रखने के साथ सभी जरूरी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. मार्केट रेगुलेटर ने कहा कि विशिष्ट शेयरों में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए उपाय किए जा रहे हैं. 

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सेबी ने अदानी ग्रुप का नाम लिए बिना एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह एक कारोबारी समूह के शेयरों की कीमत में बड़ा उतार-चढ़ाव देखा गया है. अधिकारियों ने पुष्टि की कि यह बयान अदानी मामले के मद्देनजर ही जारी किया गया है.

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अदानी ग्रुप की तीन कंपनियां ASM फ्रेमवर्क में

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) ने बयान में कहा, अपने सरकारी आदेश के तहत सेबी बाजार के व्यवस्थित और कुशल कामकाज को बनाए रखना चाहता है. किसी खास शेयर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए अच्छी तरह से परिभाषित, सार्वजनिक रूप से उपलब्ध निगरानी उपाए (ASM Framework) मौजूद हैं. बयान के मुताबिक, यह व्यवस्था किसी भी शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव होने पर कुछ शर्तों के तहत अपने आप सक्रिय हो जाती है.

शेयर बाजारों – बीएसई (BSE) और एनएसई (NSE) ने अदानी ग्रुप की तीन कंपनियों – अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन और अंबुजा सीमेंट्स – को अपने अल्पकालिक अतिरिक्त निगरानी उपाय (ASM) के तहत रखा है. इसका मतलब है कि ‘इंट्रा-डे ट्रेडिंग’ के लिए 100 प्रतिशत अपफ्रंट मार्जिन लागू होगा, ताकि इन शेयरों में सट्टेबाजी और ‘शॉर्ट-सेलिंग’ को रोका जा सके.

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सेबी ने कहा कि सभी विशिष्ट मामलों के संज्ञान में आने के बाद नियामक मौजूदा नीतियों के अनुसार उनकी जांच करता है और उचित कार्रवाई करता है.

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