अलीबाबा ने बेचा, लेकिन विदेशी निवेशकों को है Paytm पर भरोसा, खरीदे 560 करोड़ के शेयर
Alibaba ने गुरुवार को पेटीएम के 19.2 मिलियन शेयर बेचे. NSE बल्क डील डेटा के मुताबिक, मार्गन स्टैनली और Ghisallo Master Fund ने मिलकर करीब 10.5 मिलियन शेयर खरीद लिए हैं. FIIs ने 560 करोड़ के शेयर खरीदे हैं.
गुरुवार को खबर आई थी कि चाइनीज इन्वेस्टर अलीबाबा ग्रुप ने Paytm में करीब 3 फीसदी हिस्सेदारी बेची है. जैक मा की कंपनी Alibaba पेटीएम के पुराने निवेशकों में एक है. अलीबाबा ने कंपनी के 19.2 मिलियन शेयर बेचे. एक शेयर का भाव 536.95 रुपए रहा. डील की कुल वैल्यु 1031 करोड़ रही. NSE पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, इसमें से करीब आधे शेयरों को दो अमेरिकन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने खरीदा है.
FIIs ने 560 करोड़ के शेयर खरीदे
NSE बल्क डील डेटा के मुताबिक, अलीबाबा ने कंपनी के 19.2 मिलियन शेयर बेचे. मार्गन स्टैनली एशिया (Morgan Stanley Asia) ने इसमें 5.5 मिलियन और घिसैलो मास्टर फंड (Ghisallo Master Fund) ने 4.98 मिलियन शेयर खरीदे हैं. मार्गन स्टैनली ने कुल 294 करोड़ के शेयर खरीदे, जबकि घिसैलो फंड ने 266 करोड़ के शेयर खरीद. मतलब, FIIs ने इसमें 560 करोड़ की खरीदारी की है.
2150 रुपए के इश्यू प्राइस के मुकाबले शेयर 75% कमजोर
पेटीएम का आईपीओ नवंबर 2021 में आया था. इसका इश्यू प्राइस 2150 रुपए का था. इस समय पेटीएम के शेयरों में करीब 4 फीसदी की तेजी है और यह 560 रुपए के स्तर पर है. कल इस स्टॉक में 6 फीसदी से ज्यादा की गिरावट रही थी. 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 1145 रुपए और न्यूनतम स्तर 438 रुपए है. पेटीएम का शेयर इस समय अपने इश्यू प्राइस के मुकाबले 75 फीसदी कम है.
अलीबाब की हिस्सेदारी 6.26 फीसदी थी
30 सितंबर 2022 के आधार पर पेटीएम में Ant फाइनेंशियल की हिस्सेदारी 24.88 फीसदी थी. अलीबाबा की हिस्सेदारी 6.26 फीसदी थी. एंट फाइनेंशियल भी अलीबाबा ग्रुप की कंपनी है. अलीबाबा धीरे-धीरे भारत में अपने निवेश से बाहर निकल रहा है. इसने बिग बास्केट, जोमैटो, पेटीएम जैसी दिग्गज कंपनियों में अपना निवेश कम किया है.
निवेशकों को होगा फायदा
पेटीएम ब्लॉक डील को लेकर प्रॉफिटमार्ट सिक्यॉरिटीज के रिसर्च प्रमुख अविनाश गोरकक्षर ने कहा कि अलीबाबा की तरफ से हिस्सेदारी बेचने का फैसला निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. इस कंपनी में अब चाइनीज निवेश और कम हो गया है. कंपनी धीरे-धीरे प्रॉफिटैबिलिटी के रास्ते पर है. अलीबाबा के हिस्सेदारी बेचने से FDI का रास्त खुलता है. अलीबाबा धीरे-धीरे भारत में अपने निवेश से बाहर निकल रहा है. इसने बिग बास्केट, जोमैटो, पेटीएम जैसी दिग्गज कंपनियों में अपना निवेश कम किया है. अलीबाबा के निकलने से रेग्युलेशन संबंधी परेशानी भी कम होगी. पेटीएम का बिजनेस तेजी से ट्रैक पर भी लौट रहा है.
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