GST काउंसिल की 50वीं बैठक में कैसिनो, ऑनलाइन गेमिंग और हॉर्स रेसिंग पर 28 फीसदी की दर से टैक्‍स लगाने का फैसला किया गया है. इससे Casinos और ऑनलाइन गेमिंग के लिए ज्‍यादा खर्च करने पड़ेंगे और इसका असर इनसे जुड़ी कंपनियों और स्‍टार्टअप्‍स के बिजनेस पर पड़ सकता है. ऑनलाइन गेमिंग स्‍पेस में कई लिस्‍टेड शेयर भी हैं. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी (Market Guru Anil Singhvi) का कहना है कि केसिनो, ऑनलाइन गेमिंग इंडस्‍ट्री के लिए जीएसटी बड़ा झटका है. यह एक अपकमिंग इंडस्‍ट्री है. इसमें अनलिस्‍टेड प्‍लेयर ड्रीम 11 से लेकर डेल्‍टा कॉर्प, नजारा टेक जैसी लिस्‍टेड कंपनियां शामिल हैं. बुधवार (12 जुलाई) के शुरुआती कारोबारी सेशन में डेल्‍टा कॉर्प में 20 फीसदी का लोवर सर्किट लगा. वहीं, नजारा टेक में 4.5 फीसदी से ज्‍यादा की गिरावट आई है.

इंडस्‍ट्री के सर्वाइवल पर सवाल

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मार्केट गुरु अनिल सिंघवी का कहना है कि अनलिस्‍टेड स्‍पेस में कई कंपनियां है. यह बहुत बड़ा झटका है. जीएसटी लगाने का फैसला इस इंडस्‍ट्री के सर्वाइवल पर सवाल उठाएगा. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि सीधे-सीधे 28 फीसदी की दर से जीएसटी पूरे ही अमाउंट पर देना है. जैसेकि, मान लीजिए आप 100 रुपये की बेटिंग कर हैं, तो आपका असल में पैसा 72 रुपये ही लगेगा. 

अनिल सिंघवी का कहना है, बेटिंग अकाउंट पर डायरेक्‍ट जीएसटी के बाद आपको टीडीएस, टैक्‍स वगैरह देने पड़ेंगे. इसमें इंडस्‍ट्री के पास पासऑन करने की गुंजाइश बहुत कम है. ऐसे में ऑनलाइन गेमिंग करने में लोगों के पास बहुत ज्‍यादा आकर्षण नहीं रहेगा. वहीं, जिनको गेमिंग की लत है, वो तो करेंगे ही. लेकिन, इंडस्‍ट्री जो बूम कर रही थी, कई सारे स्‍टार्टअप आ रहे थे, बड़ा पैसा आ रहा था. वो शायद मिस होता दिखेगा. 

उनका कहना है, लिस्‍टेड कंपनी डेल्‍टा कॉर्प को गेमिंग ऑपरेशंस (कैसिनो) से 80 फीसदी रेवेन्‍यू आता है. इनका ऑनलाइन गेमिंग अड्डा 52 जिसको IPO लाने की तैयारी थी. अब वो कब आएगा, कैसे आएगा, आगे देखना होगा. इसी तरह नजारा टेक है, जिसका ऑनलाइन गेमिंग से ही एक तिहाई रेवेन्‍यू आता है. ऑनमोबाइल अभी इनके लिए खास बड़ा वॉल्‍यूम नहीं है, इनका भी 14-15 फीसदी रेवेन्‍यू चैलेंज एरिना से आता है. लेकिन जैसाकि पहले बातचीत में मैनेजमेंट का मानना था कि 500 करोड़ के बिजनेस में 2000 करोड़ का बिजनेस बनने की क्षमता थी, उस पर सवाल लगेगा. इसलिए यह ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो वाली कंपनियों के लिए है.

सरकार का बढ़ेगा रेवेन्‍यू!

अनिल सिंघवी का कहना है कि अब इसमें 2 चीजे देखनी होंगी. पहला यह कि सरकार का इरादा सरकार की जगह सही है कि जो भी लत वाली चीजें हैं, वहां टैक्‍स नहीं लेंगे तो कहां लेंगे. इसलिए सरकार का टैक्‍स वसूलने का पहला प्रयास सिगरेट, शराब और उसी क्रम में नीचे की चीजें होती हैं. दूसरी तरफ है कि यह एक इंडस्‍ट्री है. इस इंडस्‍ट्री में ग्‍लोबली बहुत पैसा जा रहा है. अब कितना पैसा यहां की लोकल इंडस्‍ट्री से लेकर बाहर शिफ्ट हो सकता है, यह देखना होगा. इलीगल बेटिंग बढ़ सकती है. कुल मिलाकर बात करें, तो यह इंडस्‍ट्री के लिए भी खराब है. वहीं, सरकार को भी इससे रेवेन्‍यू कम होगा. अब देखना होगा कि इसका रिजल्‍ट क्‍या होगा.

टैक्‍स बढ़ाने के पीछे सरकार का मकसद आसान होना चाहिए. या तो आप यह प्रोडक्‍ट ही नहीं चाहते हैं. इसलिए इतना टैक्‍स लगा दो कि प्रोडक्‍ट ही बंद हो जाए. वो मकसद तो है नहीं. दूसरा मकसद रेवेन्‍यू बढ़ाने का है. अब रेवेन्‍यू बढ़ाने के दो तरीके हैं. पहला कि आप टैक्‍स कम करो जिससे बिजनेस और वॉल्‍यूम बढ़े. जिससे कि रेवेन्‍यू आ जाए. दूसरा टैक्‍स बढ़ाकर रेवेन्‍यू लाया जाए. सरकार ने टैक्‍स बढ़ाकर रेवेन्‍यू जेनरेट करने का फैसला किया है. आगे देखना होगा कि यह फैसला कितना सही होता है. लेकिन, इंडस्‍ट्री के लिए तगड़ा झटका है. 

 

 

28% GST का फैसला 

  • ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो, हॉर्स रेसिंग पर 28% GST
  • ग्रॉस वैल्यू पर 28% GST लगेगा
  • कुल आय का 5.2% हिस्सा real-money गेमिंग: Nazara Tech

किन कंपनियों पर असर

Delta Corp      

सेगमेंट     आय (%)
Gaming operations 80%
Online skill gaming 15%
Hospitality 5%

  

Nazara Tech

सेगमेंट आय (%)
Gaming  37% (5.2% is from real-money gaming)
esports 48%
Adtech 15%