Dividend Stocks: तीसरी तिमाही के नतीजों का सीजन लगभग खत्म होने को है. इस दौरान कंपनियों ने तिमाही नतीजों के साथ डिविडेंड का भी ऐलान किया. अगर आपके पोर्टफोलियो में भी ऐसी कंपनियों का शेयर है, जिन्होंने डिविडेंड का ऐलान किया है तो इसके लिए जरूरी है आप एक्स-डेट और रिकॉर्ड डेट को जान लें. आज 24 फरवरी है और 3 सरकारी कंपनियों के डिविडेंड की एक्स डिविडेंड डेट (Ex Dividend Date) है, जिसमें ONGC, PFC और NMDC के शेयर शामिल हैं. 

ONGC 

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अंतरिम डिविडेंड - ₹4/इक्विटी शेयर

एक्स डेट - 24 फरवरी

रिकॉर्ड डेट - 24  फरवरी

एक्चुअल पेमेंट डेट - 16 मार्च, 2023

PFC

अंतरिम डिविडेंड - ₹3.5/इक्विटी शेयर

एक्स डेट - 24 फरवरी

रिकॉर्ड डेट - 24  फरवरी

एक्चुअल पेमेंट डेट - 15 मार्च, 2023

NMDC 

अंतरिम डिविडेंड - ₹3.75/इक्विटी शेयर

एक्स डेट - 24 फरवरी

रिकॉर्ड डेट - 24  फरवरी

एक्चुअल पेमेंट डेट - 16 मार्च, 2023

क्या होता है एक्स और रिकॉर्ड डेट?

रिकॉर्ड डेट का मतलब यह है कि इस दिन तक कंपनी के पास रिकॉर्ड जमा हो जाता है कि किन-किन निवेशकों के पास कंपनी के शेयर हैं और किन निवेशकों को अंतरिम डिविडेंड का फायदा देना है. इसके अलावा रिकॉर्ड डेट के अलावा एक्स डिविडेंड डेट भी उतनी ही जरूरी होती है क्योंकि, एक्स डिविडेंड डेट से पहले निवेशकों के डीमैट अकाउंट में कंपनी के शेयर होने चाहिए. भारतीय शेयर बाजार में T+1 सेटलमेंट की प्रक्रिया है, इसलिए रिकॉर्ड डेट से एक दिन पहले शेयरों का डीमैट अकाउंट (Demat Account) में होना जरूरी है. 

डिविडेंड से जुड़ी जरूरी बातें

  • डिविडेंड हर तिमाही के नतीजे के साथ दिया जाता है. ये कंपनियों पर निर्भर करता है कि वो डिविडेंड कब देती हैं, कितना देती हैं और कितनी बार देती हैं. 
  • डिविडेंड आपके अकाउंट में कैश में भी आ सकता है या फिर एडिशनल स्टॉक में रिइन्वेस्टमेंट के तौर पर भी मिल सकता है.
  • प्रति शेयर पर मिलने वाले लाभांश को डिविडेंड यील्ड कहते हैं. डिविडेंड यील्ड का इस्तेमाल ये पता करने में होता है कि कंपनी शेयर के मार्केट प्राइस की तुलना किसी कंपनी ने आपको कितना डिविडेंड‍ दिया है.
  • शेयरों के अलावा, कुछ म्युचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड भी निवेशकों को डिविडेंड देते हैं.
  • डिविडेंड का एक्स डेट और रिकॉर्ड डेट होता है. एक्स डेट उस तारीख को कहते हैं, जब डिविडेंड एलिजिबिलिटी एक्सपायर हो रही हो. यानी कि अगर किसी कंपनी ने 13 सितंबर एक्स डेट फिक्स किया है तो उस दिन पर या उस दिन के बाद स्टॉक खरीदने वालों को डिविडेंड नहीं मिलेगा. 
  • रिकॉर्ड डेट एक तरह से कटऑफ डेट होती है. कंपनी यह तारीख तय करती है और इससे यह तय किया जाता है कि कौन सा शेयरहोल्डर डिविडेंड पाने का पात्र है या नहीं. एक तरीके से यह लॉयल्टी देखी जाती है कि आप कितने वक्त से कंपनी का स्टॉक होल्ड किए हुए हैं.

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