Stock Market: स्टॉक मार्केट में कई बार कम समय के लिए भारी उतार-चढ़ाव होते हैं. ऐसे में निवेशकों के सामने यह चुनौती होती है कि आखिर वह कौन सी स्ट्रैटेजी अपनाए. जानकारों का कहना है कि निवेशकों के लिए मार्केट में आए ऐसे चक्र को समझना जरूरी है, जब मार्केट में गिरावट हो. मार्केट (share market) में आए अप्स एंड डाउन (share market ups and down) को लेकर एक्सपर्ट ने कुछ खास बातों पर गौर करने की सलाह दी है. 

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सही उम्मीदों को सेट करें 

एक्सपर्ट का कहना है कि जब आप अपना पोर्टफोलिया चेक करें तो आमतौर पर यह मानकर चलना चाहिए कि इसमें हर साल 10 से 20 प्रतिशत का टेम्प्ररी करेक्शन आएगा. पोर्टफोलियो में से अपने इक्विटी पोर्टफोलियो की वैल्यू को 80% मान लें और इसे अपने डेट हिस्से के वैल्यू से जोड़ दें. मानसिक तौर पर अपने पूरे पोर्टफोलियो के मूल्य को इस संख्या के साथ बेंचमार्क करें. 

एक्शन प्लान क्या हो

फंड्सइंडिया के रिसर्च हेड अरुण कुमार कहते हैं कि हाल के दिनों में इक्विटी मार्केट में अच्छे रिटर्न मिले हैं. ऐसे में इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है कि आपका इक्विटी एक्सपोजर आपके वास्तविक नियोजित एसेट एलोकेशन लेवल से 5% से ज्यादा हो गया होगा. अगर हां, तो यह रीबैलेंस और इक्विटी एक्सपोजर को अपने वास्तविक नियोजित एक्सपोजर में दोबारा लाने का एक अच्छा समय है.

अलग-अलग सिचुएशन के लिए प्लानिंग करें

अगर अगले एक साल में इक्विटी मार्केट जीरो से 20 प्रतिशत ऊपर जाता है जिसकी उम्मीद भी की जाती है तब रिटर्न पॉजिटिव और  उम्मीद के मुताबिक आएंगे. ऐसे में आपकी तरफ से एक्शन की जरूरत नहीं है. आप अपने वास्तविक एसेट एलोकेशन प्लान के मुताबिक बने रहें. अगर इक्विटी मार्केट अगले एक साल में जीरो से 20 प्रतिशत लुढ़कता है तब भी आपको एक्शन लेने की जरूरत नहीं है. क्योंकि  इक्विटी मार्केट के लिए साल में जीरो से 20 प्रतिशत टूटना सामान्य बात है. 

तब खरीदारी से न करें परहेज

लेकिन अगले एक साल में इक्विटी मार्केट (equity market) 20 प्रतिशत से ज्यादा टूटता है तो यह बीयर मार्केट (Stock Market) का संकेत है यानी आपके लिए खरीदारी का अच्छा मौका है. कुमार कहते हैं कि ऐसे में आप अपने वास्तविक एसेट एलोकेशन प्लान को फिर से बैंलेंस कर सकते हैं. इसमें आप डेट की बिक्री और समय-समय पर इक्विटी में बढ़ोतरी कर सकते हैं.

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कुल मिलाकर शॉर्ट टर्म में लगातार इक्विटी मार्केट की दिशा का अनुमान लगाने की कोशिश करना बहुत मुश्किल काम है. आपको सही अपेक्षाएं तय करने जरूरत है और एक बार यह हो जाने के बाद, एक पूर्व-नियोजित वर्क प्लानिंग तैयार करें. तब आप बहुत ज्यादा आक्रामक या घबराए बिना अपने पोर्टफोलियो को मार्केट (Stock Market) के अप्स या डाउन होने पर अच्छी तरह बैलेंस कर पाएंगे.