कैपिटल मार्केट रेग्‍युलेटर सेबी (Sebi) ने शेयरों की खरीद-बिक्री के सेटलमेंट को लेकर ऑप्‍शनल बेसिस पर ‘T+1’ (ट्रेड+1 दिन)  की नई व्यवस्था पेश की है. इसका मकसद मार्केट लिक्विडिटी को बढ़ाना है, जिससे ट्रेडिंग में ज्‍यादा से ज्‍यादा हो सके. फिलहाल घरेलू शेयर बाजारों में सौदों को पूरा होने में कारोबार वाले दिन के बाद दो कारोबारी दिवस (टी +2) लगते हैं. सेबी के मुताबिक, यह नई व्‍यवस्‍था 1 जनवरी, 2022 से लागू हो जाएगी. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) के सर्कुलर के मुताबिक, रेग्‍युलेटर ने शेयर खरीद-बिक्री प्रक्रिया को पूरा करने के लिये सेटलमेंट में लगने वाले समय को लेकर ‘टी +1’ या ‘टी +2’ का ऑप्‍शन देकर शेयर बाजारों को फ्लेक्सिबिलिटी उपलब्ध कराई है. शेयर बाजार निवेशकों समेत सभी स्‍टेकहोल्‍डर्स को सेटलमेंट प्रॉसेस में समय में बदलाव के बारे में कम-से-कम एक महीने पहले नोटिस देकर किसी भी शेयर के लिये ‘टी+1’ का ऑप्‍शन चुन सकते हैं.  शेयर बाजार को अपनी वेबसाइट पर इसका प्रचार-प्रसार करने की जरूरत होगी. 

Zee Business Hindi Live यहां देखें

T+1: छह महीने तक रखनी होगी व्‍यवस्‍था

शेयर बाजार अगर किसी इक्विटी के लिये ‘T+1’ का ऑप्‍शन चुनते हैं, तो उन्हें कम-से-कम छह महीने के लिए यह व्यवस्था बनाए रखनी होगी. उसके बाद शेयर बाजार ‘टी+2’ व्यवस्था को दोबारा से अपना सकते हैं. इसके लिये उन्हें एक महीने पहले बाजार को नोटिस देना होगा. 

सेबी ने शेयर बाजारों, क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरीज जैसे बाजार के लिये इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर सुविधा उपलब्‍ध कराने वाले इंस्‍टीट्यूशंस के साथ चर्चा के बाद यह फैसला किया गया है. सेबी के मुताबिक, नई व्यवस्था एक जनवरी, 2022 से लागू हो जाएगी. सेबी ने क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपॉजिटरीज को इस बारे में जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिए हैं.

2003 में बदले थे नियम 

मार्केट रेग्‍युलेटर ने 2003 में सौदा पूरा करने में लगने वाले समय को ‘टी+3’ से कम कर ‘टी+2’ किया था. इससे पहले, 900 से ज्‍यादा स्‍टॉकब्रोकर्स के ग्रुप द एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्‍सचेंजेज मेम्‍बर ऑफ इंडिया (Anmi) ने सेबी को भेजे लेटर में T+1 सेटलमेंट सिस्‍टम को लेकर चिंता जताई थी.  Anmi का कहना था कि ऑपरेशनल और टेक्निकल चुनौतियों का समाधान किये बिना नई व्‍यवस्‍था को लागू नहीं किया जाना चाहिए.