Stock Market in 2023: नए साल की शुरुआत होने में चंद दिन ही रह गए हैं. ऐसे में निवेशकों की नजर शेयर बाजार की चाल पर होगी. भारतीय शेयर बाजार में 2023 के दौरान उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है. एनलिस्ट्स का कहना है कि भू-राजनीतिक अनिश्चितता, मंदी की आशंका और ब्याज दर की आगे की चाल जैसे कई ट्रिगर्स के चलते शेयरों पर रिटर्न या प्रतिफल सामान्य या नकारात्मक भी रह सकता है.

6 महीने में बाजार में जोरदार एक्शन

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मार्केट एनलिस्ट्स का कहना है कि भारतीय बाजार घरेलू और ग्लोबल संकेतों प्रभावित होगा. इसमें कोरोना वायरस की आगे स्थिति और अगले साल आम बजट में नीतिगत पहल शामिल हैं. इस साल दुनियाभर के फाइनेंशियल मार्केट में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद घरेलू इक्विटी बाजारों में मजबूती रही. इस दौरान 30 शेयरों वाला सेंसेक्स छह महीने से कम समय में लगभग 13,000 अंक बढ़कर एक दिसंबर को 63,583 के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा. सेंसेक्स 17 जून को अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर 50,921.22 अंक पर था.

ग्लोबल संकेतों पर रहेगी नजर

पिछले छह महीने की बढ़त विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) द्वारा भारतीय शेयरों में बिकवाली और हाई इनफ्लेशन के बावजूद हुई. आने वाले समय में ग्लोबल संकेत जैसे मंदी की आशंका, भू-राजनीतिक जोखिम और चीन में बढ़ते कोरोना वायरस के मामले शेयर बाजारों को अस्थिर रख सकते हैं.

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RBI, US फेड और क्रेड के एक्शन पर होगी नजर

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च हेड प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि 2023 में RBI के साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व की कार्रवाई महत्वपूर्ण होगी. अमेरिका आधारित हेज फंड हेडोनोवा के CEO सुमन बनर्जी ने कहा कि 2023 में निगेटिव रिटर्न देखने को मिल सकता है. उन्होंने कहा कि अगले साल कच्चे तेल की कीमत से भी बाजार का रुख तय होगा.