Stock Market: भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) में इस सप्ताह वैश्विक घटनाक्रमों और प्रमुख आर्थिक आंकड़ों के साथ-साथ निवेशकों की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) के भारत दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापारिक करारों पर होगी. वहीं, बाजार को इस सप्ताह जारी होने वाले जीडीपी के आंकड़ों (GDP Data) का भी इंतजार रहेगा. महीने का आखिरी सप्ताह होने के कारण फरवरी सीरीज के फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस यानी एफएंडओ (F&O) अनुबंधों की एक्सपायरी को लेकर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पहला दो दिनों का भारत दौरा सोमवार को शुरू हो रहा है. ट्रंप और उनकी पत्नी और अमेरिका की प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप का भारत दौरा सोमवार को अहमदाबाद से शुरू होगा और वे आगरा में ताजमहल का दीदार करने के बाद दिल्ली पहुंचेंगे. ट्रंप के इस दौरे के दौरान भारत और अमेरिका के बीच बड़े व्यापारिक सौदे की उम्मीद की जा रही है.

सप्ताह के आखिर में शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी (GDP) के आंकड़े जारी होने वाले हैं, जिनका निवेशकों को इंतजार रहेगा. इसके अलावा, देश के इन्फ्रास्ट्रक्वर आउटपुट के जनवरी महीने के आंकड़े भी शुक्रवार को ही जारी होंगे.

वहीं, फरवरी महीने के फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस अनुबंधों की समाप्ति गुरुवार को हो रही है जिससे बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) के निवेश के प्रति रुझान, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Iil) के दाम में उतार-चढ़ाव से भी भारतीय बाजार की चाल पर असर पड़ सकता है.

विदेशी मोर्चे की बात करें तो सऊदी अरब के रियाद में शनिवार से चल रहे दो दिवसीय जी-20 (G-20) सम्मेलन के नतीजों पर सोमवार को बाजार की प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है. चीन में कोरोना वायरस के कहर का असर दुनियाभर के बाजारों में बीते दिनों देखा जा चुका है.

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अब इससे निपटने के लिए किए जा रहे उपायों और चीन की अर्थव्यवस्था पर इससे पड़ने वाले प्रभावों को दूर करने की दिशा में उठाए गए कदमों से निवेशकों का मनोबल ऊंचा हो सकता है. ऐसा बाजार विश्लेषकों का मानना है. इसके अलावा बीते सप्ताह के आखिर में जारी हुए और इस सप्ताह के दौरान अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के अन्य देशों में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर भी निवेशकों की प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है.