Stock Market Wish List: साल 2022 के लिए आम बजट पेश होने में अब ज्यादा दिन नहीं बचे हैं. इस साल बजट ऐसे समय में पेश हेने जा रहा है, जब देश की अर्थव्यवस्था तेजी से रिकवर हो रही है. देश में मैक्रो कंडीशंस सुधर रहे हैं और तमाम ग्रोथ इंडीकेटर्स पॅजिटिव संकेत दे रहे हैं. ऐसे में बजट से शेयर बाजार और निवेशकों को भी बहुत सी उम्मीदें हैं. बाजार ऐसा बजट चाहता है जो ग्रोथ ओरिएंटेड हो और मांग को बढ़ावा मिले. ऐसे सेक्टर के लिए बड़े एलान चाहता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा जॉब क्रिएट हों और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिले. हमने इसे लेकर Swastika Investmart Ltd. के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील न्याती से बात की है. जानते हैं बजट से उनकी क्या उम्मीदें हैं. 

फिस्कल एक्सपेंडिचर हाई बना रहे

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सुनील न्याती का कहना है कि बजट 2022 से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं. बाजार एक ऐसा बजट चाहता है जो ग्रोथ ओरिएंटेड होने के साथ रिफॉर्मिस्ट भी हो. बजट से देश में ग्रोथ को मोमेंटम मिलना चाहिए. उनका कहना है कि हमें उम्मीद है कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान देने के साथ अपने फिस्कल एक्सपेंडिचर को हाई बनाए रखेगी. पिछली बार सरकार ने ऐसा करके ग्रोथ पर फोकस किया था. हालांकि इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए कई घोषणाएं की गई हैं, इसे जारी रखने की जरूरत है.

जॉब ओरिएंटेड सेक्टर को मिले बढ़ावा

उनका कहना है कि इस बजट में उन सेक्टर पर भी फोकस करना चहिए, जिनसे बड़ी मात्रा में जॉब क्रिएट होते हैं. रियल एस्टेट और ऑटो क्षेत्र के लिए कुछ बड़े एलान होने चाहिए, क्योंकि  ये दोनों सेक्टर मल्टीपल सेक्टर्स में रोजगार और ग्रोथ क्रिएट कर सकते हैं. सरकार को हाउसिंग लोन के लिए टैक्स बेनिफिट बढ़ाना चाहिए क्योंकि यह पिछले कई सालों से लगभग उसी स्तर पर बना हुआ है.

कंजम्पशन बढ़ाने पर हो फोकस

अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए पिछले 1 साल में सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए लेकिन कंजम्पशन को बढ़ावा देने के लिए डायरेक्ट फोकस नहीं हुआ. इसलिए बाजार सैलरीड क्लास के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाओं को सुनना चाहेगा. वहीं बाजार एसेट मोनेटाइजेशन और विनिवेश को लेकर सरकार की ओर से और ज्याद क्लेरिटी की उम्मीद कर रहा है. जहां दुनिया सप्लाई साइड को लेकर कई चुनौतियों का सामना कर रही है, भारत को इसे मौके के रूप में भुनाना चाहिए. बाजार की नजर इस बात पर रहेगी कि इसे लेकर क्या सरकार बजट में कोई एलान करती है. 

टैक्सेशन पर क्या हैं उम्मीदें  

शेयर बाजार से संबंधित टैक्सेशन के मामले में सुनील न्याती का कहना है कि STT को हटाया जाना चाहिए या इसे कम किया जाना चाहिए. क्योंकि शुरू में इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस की जगह पेश किया गया था, लेकिन अब LTCG और STT दोनों लागू हैं जो निवेशकों के लिहाज से उचित नहीं है. भारत में शेयर बाजार का दयरा बढ़ रह है, ऐसा अनुमान है कि सरकार इस बारे में नीतिगत कदम उठाएगी कि भारतीय बाजार अन्य इमर्जिंग बाजारों की तुलना में अधिक इन्वेस्टमेंट फेंडली बन जाए. इसलिए LTCG और STT को कम करना उस दिशा में एक अच्छा कदम हो सकता है. भारत में ट्रांजेक्शन कास्ट बहुत अधिक है, इसलिए LTCG और STT को सेंटीमेंट डैंपर के रूप में देखा जाता है.