फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) की बिकवाली की वजह से भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है. सितंबर में सेंसेक्स (Sensex) में 3.5 फीसदी तो निफ्टी50 (Nifty50) में 3.7 फीसदी की गिरावट रही. बाजार में रोजाना 1-1.5 फीसदी का उतार-चढ़ाव रहा. कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक, बाजार फिलहाल कंसोलिडेशन फेज में हैं और बाकी इमर्जिंग मार्केट की तुलना में बेहतर प्रदर्शन जारी रखने की संभावना है.

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घरेलू ब्रोकरेज का कहना है  कि भारतीय अर्थव्यवस्था में अच्छी पकड़ बनी हुई है क्योंकि हालिया डेटा ओवरऑल कंजम्पशन में मजबूती दिखाता है. मजबूत जीएसटी कलेक्शन (GST Collection), घरों की बिक्री में बढ़ोतरी, अगस्त में पीएमआई में उछाल और क्रेडिट ग्रोथ में सुधार दिखा है.

महंगाई से खपत हो सकती है प्रभावित

ब्रोकरेज ने कहा कि भारत में ओवरऑल इकोनॉमिक इंडिकेटर्स  पॉजिटिविटी दिखा रहे हैं और शहरी मांग में भी मजबूती दिखाई दे रही है. ग्रामीण मांग में भी तेजी आने लगी है जबकि बढ़ती महंगाई के दबाव से मांग प्रभावित हो सकती है.  ब्रोकरेज ने कहा कि भारत में ओवरऑल इकोनॉमिक इंडिकेटर्स  पॉजिटिविटी दिखा रहे हैं और शहरी मांग में भी मजबूती दिखाई दे रही है. ग्रामीण मांग में भी तेजी आने लगी है जबकि बढ़ती महंगाई के दबाव से मांग प्रभावित हो सकती है.

कोटक सिक्योरिटीज ने कहा कि ऑटोमोबाइल, बैंक, डाइवर्सिफाइड फाइनेंशियल्स और टेलीकॉम जैसे सेक्टर्स आने वाली तिमाहियों में नेट प्रॉफिट में बल्क ग्रोथ में योगदान देंगे. उसने कहा, 17094 पर निफ्टी50 इंडेक्स 20.8x FY23E और  18.1x FY24E के PE पर ट्रेड कर रहा है. ब्रोकरेज ने अपनी मार्केट आउटलुक स्ट्रैटेजी में कहा कि इसी तरह डिस्क्रिनेटरी सेक्टर्स और शेयरों में आगामी त्योहारी सीजन के साथ मार्केट पार्टिसिपेंट्स की कुछ दिलचस्पी देखने को मिल सकती है.

क्वालिटी स्टॉक्स में निवेश की सलाह

कोटक सिक्योरिटीज ने कहा, भारतीय बाजार ग्लोबल मार्केट ट्रेंड्स को फॉलो करेगा और बाजार में करेक्शन से लंबी अवधि के निवेश के दृष्टिकोण के लिए आकर्षक वैल्युएशन के साथ क्वालिटी वाले शेयरों में निवेश का मौका बनेगा. उसने निवेशकों को ग्लोबल फैक्टर्स पर कड़ी नजर रखने और स्टॉक स्पेसिफिक होने की सलाह दी है.