Silver Outlook for next 12 Months: चांदी से 'चांदी' होने का ट्रिगर है. चांदी अगले 12 महीने में 85,000 रुपये प्रति किलो का लेवल दिखाने को तैयार नजर आ रही है. फंटामेंटल तौर पर चांदी का आउटलुक बेहतर है. इंडस्ट्रियल डिमांड बनी हुई है. फेस्टिव सीजन और घरेलू डिमांड का पॉजिटिव असर देखने को मिलेगा. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज (MOFSL) ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. रिसर्च फर्म का कहना है कि 2023 के पहले चार महीने में चांदी में जबरदस्‍त तेजी रही. उसके बाद ऊंची कीमतों पर कुछ वॉलेटिलिटी के चलते नरमी आई. 

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MOFSL ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हर बड़ी गिरावट में घरेलू बाजार में चांदी की कीमतों में ऊपर की ओर रेंज देखने को मिला. आगे भी यह ट्रेंड बना रह सकता है. रिसर्च फर्म का अनुमान है कि चांदी में मोमेंटम बना रहा सकता है और अगली कुछ तिमाहियों में और 15 फीसदी का उछाल दर्ज कर सकता है. फर्म ने निचले लेवल पर लगातार खरीदारी की सलाह दी है. इसमें इमीडिएट सपोर्ट 70,000 रखना है. मीडियम टर्म में 68,000 का मजबूत सपोर्ट है. ऊपर की ओर 82,000 रुपये का टारगेट है. जबकि अगले 12 महीने में चांदी 85,000 का लेवल दिखा सकती है. 

दमदार फंडामेंटल का दिखेगा दम

MOFSL की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडस्ट्रियल डिमांड का ग्रोथ में अच्‍छा खासा रोल है. ग्रीन टेक्‍नोलॉजी से इसमें एक बड़ा बूस्‍ट मिलेगा. मीडियम टर्म आउटलुक के लिहाज से देखें तो ग्‍लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ इंडिकेटर्स काफी अहम होंगे. दूसरी ओर, फेस्टिव सीजन और घरेलू डिमांड का चांदी की कीमतों पर पॉजिटिव असर देखने को मिलेगा. मंदी का खतरा कम नजर आ रहा है. इकोनॉमिक ग्रोथ को लेकर किसी भी तरह की अनिश्चितता से चांदी को बूस्‍ट मिल सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि सेफ हैवेन एसेट के रूप में गोल्‍ड के साथ-साथ सिल्‍वर में भी ताबड़तोड़ निवेश होता है. इंडस्ट्रियल डिमांड और प्रीसियस मेटल के फंडामेंटल्‍स का सिल्‍वर को फायदा होगा.

चांदी की कैसी रही चाल

रिपोर्ट के मुताबिक,  2023 की शुरुआत में चांदी की परफॉर्मेंस दमदार रही. पहले 4 महीने में करीब 11 फीसदी का उछाल देखने को मिला. इस साल चांदी कुल 6 फीसदी का उछाल बनाए हुए हैं. यूएस बैंकिंग और डेट सेक्‍टर्स की चिंताओं के चलते शुरुआत में चांदी में रैली रही. लेकिन फेडरल रिजर्व की 'हॉकिश पॉज़' पॉलिसी से से यह गति कुछ हद तक कम हो गई. इसका कीमती और इंडस्ट्रियल दोनों मेटल्‍स पर असर पड़ा. 

US रिटेल महंगाई (सीपीआई) 3.2 फीसदी पर है, जो जुलाई 2022 में 9.1 फीसदी के अपने पीक से नीचे है. केंद्रीय बैंक अपनी नीतियों का दोबारा से आकलन कर रहे हैं. इससे उम्‍मीद है कि फेड के रुख में 'सख्ती' से 'नरमी' की ओर बदल सकता है. इससे फायदा चांदी और ऐसे दूसरे मेटल्‍स को हो सकता है. जियोपॉलिटिकल टेंशन के चलते रिस्‍क प्रीमियम आ रहा है, इससे चांदी की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है. इसके अलावा डॉलर इंडेक्स लगभग 99.60 से तेजी से बढ़कर 104 पर पहुंच गया. फेड ने 2023 में अमेरिका के लिए ग्रोथ का आउटलुक बढ़ाया है. 

 

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